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कंचे खेलने के शौकीन थे भारत को परमाणु शक्ति बनाने वाले ‘अटल‘, गुजिया और चिवड़ा भी था बेहद पसंद

locationजयपुरPublished: Aug 17, 2018 04:07:00 pm

Submitted by:

dinesh

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atal bihari vajpayee
जयपुर। भारत को परमाणु शक्ति बनाने वाले अटल बिहारी वाजपेयी भले ही आज हमारे बीच में नहीं रहे, लेकिन वे हमेशा हर हिन्दुस्तानी के दिल में राज करेंगे। अमरीका जैसी महाशक्ति के विरोध के बीच वाजपेयी जी ने पोखरण में परमाणु परीक्षण करवाकर दुनिया में भारत की शक्ति का डंका बजवाया। वाजपेयी जी ने राजस्थान के पोकरण में ‘जय जवान, जय किसान और जय विज्ञान’ का नारा देकर अपने इरादे पूरी दुनिया के सामने जाहिर कर दिए कि भारत भी अब परमाणु शक्ति है। अपनी स्वतंत्रता को कायम रखने के लिए उसे भी परमाणु बम बनाने का अधिकार है।
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जितने गंभीर उतने ही मजाकियां
अटल जी अपने जीवनकाल में जितने गंभीर थे उतने ही मजाकियां भी थे। अटलजी को करीब से जानने वाले लोगों का कहना है कि वे बचपन से बेहद नटखट थे और उन्हें कंचे खेलने का बहुत शौक था। अटलजी के करीब मित्र बताते हैं कि वे बचपन में काफी नटखट थे। वे कंचे खेलने के शौकीन थे। बचपन में अपने बाल मित्रों के साथ अक्सर कंचे खेलते थे। इसके अलावा उन्हें गुजिया और चिवड़ा भी बेहद पसंद था। जब वे प्रधानमंत्री थे तब भी अपना पसंदीदा चिवड़ा खाना नहीं भूलते थे।
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पत्रिका से रहे आत्मीय संबंध
पत्रिका परिवार से अटल बिहारी वाजपेयी का आत्मिक लगाव रहा। समूह के संस्थापक संपादक कर्पूर चंद्र कुलिश से शुरू हुए उनके पारिवारिक संबंध गुलाब कोठारी के साथ और प्रगाढ़ हुए। उनका विराट व्यक्तित्व इतना सहज था कि गुलाब कोठारी से मुलाकात में कई बार चर्चा दो घंटे तक चलती, लेकिन वे कभी समय का जिक्रनहीं करते। परिवार की तीसरी पीढ़ी के नीहार कोठारी को भी एक पत्रकार के रूप में उनका स्नेह बराबर मिला।
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पत्रकारिता से कैरियर शुरू किया
वाजपेयी ने राजनीतिक विज्ञान में स्नातकोत्तर करने के बाद पत्रकारिता में कैरियर शुरू किया। अटलजी को अपने पिता कृष्ण बिहारी वाजपेयी से कविता विरासत में मिली थी। इस कवि, पत्रकार के सादगी का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि जब 1977-78 में वे विदेश मंत्री बने तो ग्वालियर आने के बाद वे भाजपा के संगठन महामंत्री के साथ साइकिल से सर्राफा बाजार निकल पड़े थे, लेकिन 1984 में वाजपेयीजी इसी सीट से चुनाव हार गए थे। फिर भी राजनीति की तेड़ी-मेढी राहों पर वे आगे बढ़ते रहे।
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