-देशी-विदेशी निवेशकों के हिस्सा लेने की संभावना उन्होंने बताया कि इस ई-नीलामी में देश दुनिया में कहीं से भी कोई भी व्यक्ति हिस्सा ले सकेंगे। ई-ऑक्शन प्रक्रिया से देशी-विदेशी निवेशकों के हिस्सा लेने से प्रतिस्पर्धात्मक दरें प्राप्त होने की संभावना है। गौरतलब है कि खान एवं पेट्रोलियम मंत्री प्रमोद जैन भाया ने पिछले दिनों जानकारी दी थी कि राज्य के खान एवं भूविज्ञान विभाग की ओर से जैसलमेर, नागौर और झुंझुनूं में सीमेंट ग्रेड लाइमस्टोन के ब्लॉक विकसित होने से प्रदेश में बड़ी मात्रा में लाइमस्टोन का खनन होने के साथ ही सीमेंट क्षेत्र में बड़ा निवेश होगा, प्रदेश में राजस्व बढ़ेगा और रोजगार के बेहतर अवसर विकसित होंगे।
-राज्य को मिल सकेगा अधिक राजस्व डॉ. अग्रवाल ने बताया कि राज्य सरकार की ओर से तीनों ब्लॉकों की पारदर्शी एवं निष्पक्ष ई-ऑक्शन व्यवस्था से प्रतिस्पर्धात्मक राशि प्राप्त होने की संभावना के साथ ही देश-विदेश के निवेशकों के हिस्सा लेने से प्रदेश को अधिक राजस्व प्राप्त हो सकेगा।
-ये हैं ब्लॉक उन्होंने बताया कि तीन ब्लॉकों में से दो ब्लॉक जैसलमेर जिले में पारेवर बी 5.15 वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल का है वहीं जैसलमेर में ही खींया ए 3.04 वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल का है। उन्होंने बताया कि इनमें क्रमश: 167.58 और 178.20 मीलियन टन सीमेंट ग्रेड लाइमस्टोन खनिज के भंडार होने की संभावना है। इसी तरह से नागौर के खींमसर तहसील के टाडास-बेरास गांव के पास 4.23 वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल के 4 जी/ए ब्लॉक में 207.06 मीलियन टन सीमेंट ग्रेड लाइमस्टोन के भंडार होने की संभावना है। उन्होंने बताया कि 15.20 वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल के तीनों ब्लॉकों में 552.84 मिलियन टन भंडार होने की संभावना है।