scriptशिक्षण संस्थाओं में खुलेंगे ग्लोबल एक्सपोजर के रास्ते | Avenues of global exposure will open in educational institutions | Patrika News

शिक्षण संस्थाओं में खुलेंगे ग्लोबल एक्सपोजर के रास्ते

locationजयपुरPublished: Aug 06, 2020 05:35:26 pm

Submitted by:

Rakhi Hajela

विदेशी शिक्षण संस्थाओं के आने से देश में मिल सकेगा एक्सपोजरएक्सचेंज प्रोग्राम हो तो और बेहतर हो सकती है स्टूडेंट्स की राहें

शिक्षण संस्थाओं में खुलेंगे ग्लोबल एक्सपोजर के रास्ते

शिक्षण संस्थाओं में खुलेंगे ग्लोबल एक्सपोजर के रास्ते




देश में नई शिक्षा नीति को लेकर चारों ओर चर्चा का माहौल बना हुआ है। कुछ शिक्षाविद् इसे जहां जॉब ओरिएंटेड नीति बता रहे हैं तो वहीं कुछ इस नीति के बाद विदेशों की तर्ज पर देश में भी प्रेक्टिकल बेस्ड स्टडी शुरू होने की बात कर रहे हैं। विदेशी शिक्षण संस्थाओं के देश में आने को लेकर भी क्रेज है, बकौल शिक्षाविद् इससे शिक्षा का माहौल और बेहतर तो होगा ही, साथ ही स्टूडेंट्स को ग्लोबल एक्सपोजर अपने देश में ही मिल सकेगा, जिससे की उनकी जॉब के रास्ते आसान हो जाएंगे।
स्टूडेंट्स को मिलेगा लाभ
अजमेर रोड स्थित जेके लक्ष्मीपत यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर प्रो. आर एल रायना के मुताबिक ऐसे स्टूडेंट्स जो विदेशी शिक्षण संस्थानों से पढ़ाई करना चाहते हैं, उन्हें देश में ऐसे शिक्षण संस्थानों का चयन करना चाहिए जिनका विदेश की संस्थाओं से टाई.अप हो। ऐसे में उन्हें बाहर जाने के स्थान पर देश में ही उनके कोर्सेज एवं करिकुलम की जानकारी मिल जाएगी तथा भविष्य में बाहर जाकर पढ़ाई करने का अवसर भी मिल सकेगा। वर्तमान कोविड दौर में ऑनलाइन शिक्षा के माध्यम से बेहतर एन्वायरमेंट प्राप्त किया जा सकता है। ऐसे में यदि नई शिक्षा नीति के तहत पहले से ही टाई.अप वाले संस्थान देश में आते हैं तो उनके साथ विभिन्न एक्सचेंज प्रोग्राम के तहत स्टूडेंट्स को एक्सपोजर अधिक मिल सकेगा।
एक्सचेंज प्रोग्राम से करे इन्फ्रास्ट्रक्चर का उपयोग
वाटिका स्थित यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी के चेयरपर्सन डॉ अंशु सुराणा के मुताबिक नई शिक्षा नीति के तहत विदेशी शिक्षण संस्थानों का देश में आकर शिक्षण कार्य करवाने का रास्ता साफ होने से शिक्षा के क्षेत्र में निश्चित रूप से सकारात्मक बदलाव आएगा। उन्होंने कहा कि विदेशी शिक्षण संस्थाओं को यहां के लोकल शिक्षण संस्थाओं के साथ नए टाई.अप करके विभिन्न एक्सचेंज प्रोग्राम के तहत स्टूडेंट्स को बेहतर शिक्षा का पैकेज डिलीवर करना चाहिए। इसमें यहां पहले से कार्यरत शिक्षण संस्थाओं के इन्फ्रास्ट्रक्चर का उपयोग, यहां के करिकुुलमए कोर्सेज आदि के अनुसार नए सिरे से सिलेबस डिजायन करके स्टूडेंट्स के बीच आना चाहिए। जिससे स्टूडेंट्स को अपने ही देश में ग्लोबल एक्सपोजर मिल सके तथा वे बेहतर कर सके।
सेल्फ सस्टेंड बनेंगे स्टूडेंट
नई शिक्षा नीति स्टूडेंट्स को सेल्फ सस्टेंड बनाएगी। ये कहना है पोद्दार ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशन्स के डीन डॉ. अवनीश विजय का, उनके अनुसार क्लास 6 से ही प्रेक्टिकल एक्सपोजर मिलने से स्टूडेंट्स अमेरिका एवं अन्य विकसित देषों के स्टूडेंट्स की तर्ज पर अपने इन्ट्रेस्ट के सब्जेक्ट की पढ़ाई के साथ ही प्रेक्टिकल नॉलेज प्राप्त कर सकेंगे। इंस्टीट्यूशंस के ऑटोनॉमस होने से उनमें कॉन्फिडेंस बढ़ेगा। स्टूडेंट्स एकेडमिक्स के साथ इंडस्ट्री ओरिएंटेड प्रेक्टिकल नॉलेज प्राप्त कर सकेंगे। उन्होंने विदेशी षिक्षण संस्थाओं के देश में आने पर शिक्षा में बेहतर कॉम्पटिशन होने से सकारात्मक बदलाव आने एवं स्टूडेंट्स के वेलफेयर में काम होने की बात कही।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो