यह अवॉर्ड संयुक्त रूप से शंकर सिंह शेखावत और योगेश कुमार शर्मा को दिया गया। इस अवसर पर राजस्थान की पूर्व वन एवं पर्यावरण मंत्री बीना काक ने कहा मछली अवॉर्ड से पुरस्कार विजेताओं की प्रतिभा और बुद्धिमानी को पहचान और सम्मान मिला है। उन्होंने कहा कि बाघिन मछली हमारे लिए देवी का रूप थी, उसकी आंखों में दया और प्यार का भाव छलकता था। एक बाघिन के रूप में मछली से कई लोग जुड़े। मछली की संतानों ने रणथम्भौर नेशनल पार्क में बाघों की आबादी में इजाफा किया है।
सीईओए डब्ल्यू डब्ल्यू एफ इंडिया महासचिव रवि सिंह ने कहा इस अवॉर्ड की शुरूआत वन विभाग के कर्मचारियों की उपलब्धियों को पहचान दिलाने के लिए की गई है। इस अवॉर्ड का दायरा बढ़ाकर आने वाले वर्षों में गांव स्तर पर शामिल किया जाएगा। यह पुरस्कार उन कर्मचारियों के योगदान को प्रोत्साहित करने और बढ़ावा देने किए है जो कठिन परिस्थितियों में भी इस क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य कर रहे हैं। अवार्डी शंकर सिंह शेखावत ने अपनी टीम की ओर से किए कार्यों के बारे में बताया। वहीं, अवार्डी योगेश कुमार शर्मा ने सवाईमाधोपुर में चीतल के अवैध शिकार के एक आपराधिक मामले में दोषियों को पकडऩे में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका के बारे में बताया।