पदोन्नति के बाद रिक्त मेडिकल ऑफिसर्स के पदों के लिए जल्द प्रक्रिया प्रांरभ कर सीधी भर्ती की जाएगी। उन्होंने बताया कि आयुर्वेद विभाग में लंबे समय से डीपीसी नहीं हुई है। 2011 से पीएमओ और अतिरिक्त निदेशकों की डीपीसी नहीं हुई। आठ वर्षों की लंबित उपनिदेशक और सीनियर मेडिकल ऑफिसर प्रथम की डीपीसी हाल में पूरी की गई है। अभी और डीपीसी की जायेगी, जिससे नीचे के पद वाले उपर चले जाएंगे और प्रारंभिक पद रिक्त पद होंगे उन्हें राजस्थान लोक सेवा आयोग भेजा जाएगा।
उन्होंने कहा कि 16 फरवरी को कंपाउंडर के 397 पदों पर नियुक्ति दे दी गई है। उन्होंने बताया कि आयुर्वेद में एक पद डायरेक्टर का है। पीएमओ और अतिरिक्त निदेशक के 133 पद हैं। वे पूरे प्रमोशन नहीं होने के कारण रिक्त हैं। इन पदों पर कार्य व्यवस्थार्थ दूसरे लोग लगे हुए हैं। इसके अलावा एसएमओ 1 और डिप्टी डायरेक्टर के 500 पद हैं। उसके 1 आदमी कार्यरत है बाकी कार्य व्यवस्थार्थ लगे हुए हैं। ये पद भी शीघ्र प्रमोशन के माध्यम से भरे जाएंगे।
एसएमओ-2 के 1500 पद हैं उनमें 1061 कार्यरत हैं बाकी रिक्त हैं। एमओ 2304 पूरे कार्यरत हैं तथा उसमें 76 अतिरिक्त कार्मिक लगे हैं। इस तरह 2380 कार्मिक कार्यरत हैं। हालांकि इसके बाद कोई भर्ती नहीं निकली लेकिन 576 पदों के लिए अभ्यर्थना भेजी गई है। इससे पहले चिकित्सा मंत्री ने विधायक किरण माहेश्वरी के मूल प्रश्न का जवाब देते हुए बताया कि प्रदेश में कुल 3579 आयुर्वेद औषधालय संचालित हैं। उन्होंने जिलेवार सूची सदन की मेज पर रखी।
उन्होंने बताया कि विभाग में कार्यरत चिकित्सकों तथा नर्स कम्पाउंडरों की संख्या एवं स्थानीय आवश्यकताओं के मद्देनजर वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता एवं आवश्यक स्वीकृतियां प्राप्त कर रिक्त पदों की पूर्ति की जा सकेगी। उन्होंने कहा कि 33 योग एवं प्राकृतिक चिकित्साधिकारी के पदों पर भर्ती के लिए अर्थना राजस्थान लोक सेवा आयोग को भिजवाई गई है।