scriptकोविड-19 की रोकथाम में आयुर्वेदिक भी हो सकता है कारगर | Ayurvedic can also be effective in prevention of Kovid-19 | Patrika News

कोविड-19 की रोकथाम में आयुर्वेदिक भी हो सकता है कारगर

locationजयपुरPublished: May 09, 2020 05:55:21 pm

Submitted by:

manoj sharma

हम होंगे कामयाब
– ब्रिटेन में विश्व स्वास्थ्य संगठन के लिए वैज्ञानिक के रूप में कार्यरत डॉ. नेहा शर्मा का अध्ययन

कोविड-19 की रोकथाम में आयुर्वेदिक भी हो सकता है कारगर

कोविड-19 की रोकथाम में आयुर्वेदिक भी हो सकता है कारगर

जयपुर। कोविड-19 के उपचार में आयुर्वेदिक भी कारगर सााबित हो सकता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के लिए ब्रिटेन में कार्यरत राजस्थान (चूरू) मूल की क्लिनिकल रिसर्च साइंटिस्ट डॉ. नेहा शर्मा का यह दावा है। उन्होंने राजस्थान के 17 हजार से ज्यादा स्वास्थ्यकर्मियों को मार्च में पिलाए आयुर्वेदिक काढ़ा व इटली-स्पेन से ब्रिटेन पहुंचे संदिग्ध संक्रमितों का आयुर्वेद से उपचार के अध्ययन के आधार पर यह दावा किया है। उन्होंने अध्ययन रिपोर्ट ब्रिटेन में जारी की है, ब्रिटेन में आयुर्वेद के लिए लॉबिंग भी कर रही हैं। डॉ. नेहा शर्मा से पत्रिका संवाददाता शैलेन्द्र अग्रवाल ने बातचीत की। पेश है बातचीत के प्रमुख अंश:–
—————————

सवाल : आपका अध्ययन किस प्रकार रहा?
जबाव : राजस्थान में स्वास्थ्य विभाग और समता आंदोलन समिति के सहयोग से अध्ययन किया। राजस्थान में काढ़ा तो अधिक लोगों को पिलाया है, लेकिन अध्ययन 10 दिन पिलाए गए 17,789 लोगों पर किया है। इनमें कफ, सिरदर्द व मांसपेशियों में दर्द जैसे लक्षण तो पाए, लेकिन कोविड-19 से बचे हैं। इनमें डायबिटीज, हृदय रोग, हाइपरटेंशन व श्वास रोग से पीडि़त कर्मचारी भी थे, जो रोजाना 8 घंटे ड्यूटी दे रहे हैं।
सवाल- यह तो बचाव का कार्य था, लेकिन क्या सक्रमितों का आयुर्वेद से उपचार भी किया?

जवाब: ब्रिटेन में करीब 60-70 संदिग्ध कोविड-19 संक्रमितों का आयुर्वेदिक पद्धति से उपचार किया गया। ये इटली व स्पेन जैसे रेड जोन वाले देशों से आए थे, वे अब ठीक हैं। अच्छी बात यह है कि आयुर्वेद पद्धति से 3 से 7 दिन में परिणाम आ जाते हैं। इसके साइड इफेक्ट भी नहीं हैं।
सवाल : आयुर्वेद से उपचार के लिए क्या प्रयास किए जा रहे हैं?
जवाब : विश्व स्वास्थ्य संगठन से आयुर्वेद से उपचार की छूट है। ब्रिटेन सरकार को आयुर्वेद से उपचार का प्रस्ताव सौंपा है। कुछ सांसद ब्रिटेन की संसद में आयुर्वेद से उपचार का मुद्दा उठाने की तैयारी कर रहे हैं। परन्तु सबसे अधिक गर्व इस बात का है कि मैंने राजस्थान में काम किया। भारत और ब्रिटेन आयुर्वेद से उपचार के लिए मिलकर कार्य करें, क्योंकि चीन ने कार्य तेज कर दिया है।
इनका किया इस्तेमाल

वासा, कंटकारी, हल्दी, भृंगराज, सौंठ, भारंगी, तालिशपत्र, मधुयष्टि, तुलसी पंचांग, कालीमिर्च, लौंग, पीपली, चिरायता व गिलोय आदि।

इन लक्षणों पर किया अध्ययन
कफ, गले में दर्द, बलगम, नाक बहना, श्वास लेने में तकलीफ, थकान व कमजोरी, सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द व बुखार
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो