‘सुपरबग’ के खतरे से बचाएगी आयुर्वेदिक दवा
जयपुरPublished: Oct 22, 2019 01:25:08 am
एम्स भोपाल का शोध: बैक्टेरियल और फंगस इंफेक्शन से लडऩे में प्रभावी दवा
‘सुपरबग’ के खतरे से बचाएगी आयुर्वेदिक दवा
नई दिल्ली. मौजूदा एंटीबायटिक दवाओं का असर पूरी तरह समाप्त कर देने वाले सुपर बग के लिए जहां बहुत से देश भारत पर अंगुली उठा रहे हैं, वहीं हमारे यहां हुए नए शोध ने इस खतरे को दुनिया भर से समाप्त करने की राह खोल दी है। आयुर्वेद के प्राचीन फार्मूलों के आधार पर बनी फीफाट्रोल को एस भोपाल में हुए शोध में बैक्टेरियल और फंगस इंफेक्शन में प्रभावी पाया गया है। साथ ही सुपरबग के खतरे से निपटने में भी यह दवा प्रभावी हो सकती है।
एंटीबायटिक के अंधाधुंध उपयोग की वजह से इसका प्रभाव खत्म हो जाने की स्थिति यानी सुपरबग के लिए कई शोधों में भारत जैसे देशों में इसके अंधाधुंध इस्तेमाल को दोषी बताया गया है। लेकिन अब एस भोपाल के शोधकर्ताओं ने पाया है कि आयुर्वेद के आधार पर बनी एंटीबायटिक दवा फीफाट्रोल इस लिहाज से एक बेहतर विकल्प हो सकती है। एस भोपाल निदेशक डॉ. समरन सिंह के मुताबिक, बैक्टेरियल और फंगस इंफेक्शन से लडऩे के लिए यह प्रभावी तो है ही, साथ ही इसका कोई दुष्प्रभाव भी नहीं है।
13 जड़ी बूटियों से बनाई गई दवा
आयुर्वेद के फार्मूलों से एंटी माइक्रोबियल सोल्यूशन तैयार हुआ। है। इसमें सुदर्शन वटी, संजीवनी वटी, मृत्युंजय रस गोदांती भस्म, त्रिभुवन कीर्ति रस, प्रमुख हैं। दारुहल्दी, करंज, अप्पामार्ग, चिरयात्रा, गिलोय भी है।
क्या है सुपरबग का खतरा
एंटीबायटिक के बहुत अधिक इस्तेमाल की वजह से सुपर बग का खतरा पैदा हो गया है। यह ऐसी स्थिति है, जिसमें मौजूदा एंटीबायटिक दवाएं काम करना बंद कर देती हैं। ऊपर से नए स्तर की एंटीबायटिक दवाएं अभी उपलब्ध नहीं हैं।