समी रोगों में सबसे ज्यादा मामले वायरल, बैक्टीरियल व फंगल इंफेक्शन के सामने आते हैं। एंटीऑक्सीडेंट युक्त चीजों को प्रयोग में लें। जैसे –
* तुलसी की ८-१० पत्तियां, २ लौंग, ४ कालीमिर्च, छोटा टुकड़ा अदरक और ४-५ पुदीने की पत्तियां पानी में उबालें। छानकर चुटकीभर सेंधा नमक मिलाकर सुबह-शाम पीएं।
* 2-3 ग्राम अविपत्ति का चूर्ण गुनगुने पानी संग भोजन के बाद लें। एसिडिटी, अपच व खट्टी डकार में सहायक।
कब्ज की समस्या में रात को सोते समय पंचसकार या त्रिफला चूर्ण की 2-3 ग्राम की मात्रा फांक लें।
* बैक्टीरियल संक्रमण से दस्त की समस्या आम है। ऐसे में छिलके वाली मूंग की दाल की खिचड़ी बनाकर खाएं।
* 4-5 बार दिन में कमजोर रोग प्रतिरोधक क्षमता वाले (छोटे बच्चे, बुजुर्ग व गर्भवती महिला) पानी को उबालकर ही पीएं।
ज्यादा तापमान, बुखार
किसी भी प्रकार के संक्रमण में सबसे ज्यादा शरीर का तापमान असंतुलित होने से बुखार आना एक प्रमुख लक्षण होता है। इसके लिए संजीवनी की गोली, त्रिभुवन कीर्ति रस, आनंद भैरव रस और गिलोय सत्व को ले सकते हैं।
जुकाम-खांसी
एक चम्मच या २-३ ग्राम शितोप्लाधि चूर्ण एक चम्मच शहद या आधी चम्मच अदरक के रस के साथ लेना फायदेमंद है। यह मिश्रण दिन में तीन बार लिया जा सकता है।
आंखों की सुरक्षा
आंखों में खुजली व लालिमा संग एलर्जी है तो ठंडे पानी से आंखों पर बार-बार छींटें दें। फिटकरी या त्रिफला के पानी से आंखों पर छीटें दें। इसके लिए रातभर पानी में आधी चम्मच त्रिफला चूर्ण भिगोएं। सुबह इसे छानकर प्रयोग में लें।
सुरक्षा के लिए बचाव है जरूरी
किसी भी संक्रमण में इलाज संग बचाव जरूरी है। ऐसे में साफ सफाई का ध्यान रखने के अलावा भोजन से पहले व बाद या बच्चों के आसपास या आंखों में खुजली आदि करने से पहले हाथों को अच्छे से धोएं। जितना हो पानी उबालकर पीएं। बासी, अधपका भोजन व मार्केट का जंकफूड न खाएं। साफ बर्तन में खाना खाएं। फल, सब्जी, डेयरी प्रोडक्ट ताजा खरीदें।