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नन्हे को लेकर रहें हर पल सतर्क

locationजयपुरPublished: Jan 09, 2020 02:17:33 pm

Submitted by:

Mridula Sharma

पेरेंट्स बनने के साथ ही आपकी जिम्मेदारियां भी बढ़ जाती हैं। बच्चों की बेहतर परवरिश का खयाल माता-पिता को मिलकर रखना पड़ता है।

नन्हे को लेकर रहें हर पल सतर्क

नन्हे को लेकर रहें हर पल सतर्क

माता-पिता बनना जिंदगी का सबसे अनमोल पल होता है। एक नन्हीं जान जब गोद में आती है तो उस अहसास को शब्दों में बयां करना मुश्किल हाता है लेकिन पेरेंट्स बनने के साथ ही आपकी जिम्मेदारियां भी बढ़ जाती हैं। बच्चों की बेहतर परवरिश का खयाल माता-पिता को मिलकर रखना पड़ता है। इसमें कोई चूक नहीं होनी चाहिए, फिर भी अक्सर देखने में आता है कि जाने-अनजाने में की गई एक छोटी भूल से बच्चे खतरे में पड़ जाते हैं। बच्चा महफूज रहे व अच्छी परवरिश में बढ़ा हो, इसलिए इन बातों का ध्यान रखें।
कार सीट को नो
इन दिनों पेरेंट्स के बीच कार सीट हॉट टॉपिक बना हुआ है। एक रिसर्च में पाया गया है कि बच्चे को दो साल की उम्र से पहले कार सीट पर अकेले नहीं बैठाना चाहिए। इससे उसे चोट लगने का खतरा रहता है। कार में बच्चों के लिए लगने वाली 59 फीसदी सीट सही मानक की नहीं होती है। बच्चों को रीयर सीट पर बैठाने से उन्हें हेड और स्पाइनल इंजरी होने का खतरा ज्यादा रहता है। यह आंकड़ा पेरेंट्स को चेताने के लिए काफी है। हालांकि कई पेरेंट्स का इस पर अपना अलग विचार है। उनका मानना है कि चाइल्ड कार सीट से बच्चा सेफ रहता है इसलिए सावधानी बरतें।
फूड एलर्जी
पहली बार पैरेंट्स बने हैं तो आपको इसका खास खयाल रखना होगा कि आपके बच्चे का पेट खराब है या उसे कोई गंभीर फूड एलर्जी हुई है। इसे बिल्कुल भी अनदेखा न करें। पैरेंटï्स को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि फीडिंग या कुछ भी खाने के बाद बच्चे को किसी भी तरह के बॉडी रेशेज, उल्टी, सांस लेने में दिक्कत न हो। इसके साथ ही बच्चे के वेस्ट के कलर पर भी नजर रखनी चाहिए। अगर कुछ भी अजीब लगे तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। डॉक्टर की सलाह के आधार पर ही अपने बच्चे का डाइट चार्ट तैयार करें और उसे किसी भी तरह की फूड एलर्जी से बचाएं।
नर्सिंग पिलो पर न सुलाएं

नर्सिंग पिलो से मां अपने बच्चे को काफी सहज होकर फीड करा पाती है, लेकिन उसके बाद बच्चे को उसी के सहारे सुला देना सुरक्षित नहीं है। ज्यादा देर तक बच्चे को नर्सिंग पिलो पर सोता हुआ छोड़ देने से उसे सफोकेशन हो सकती है। बच्चे को समतल बिस्तर पर जितनी अच्छी नींद आती है, उतना आराम उसे सॉफ्ट टॉय, नर्सिंग पिलो या फिर कंबल पर नहीं मिलता है। नई माएं नर्सिंग पिलो का उपयोग तो करें, लेकिन बच्चे को उस पर न छोड़ें।
जल्दी न दें ठोस आहार
कई पेरेंट्स बच्चों को बहुत जल्द ठोस आहार देने लगते हैं, लेकिन इसमें जल्दबाजी अच्छी नहीं है। छह महीने के बाद ही बच्चे को ठोस आहार देना शुरू करें। इससे पहले बच्चे की पाचन क्रिया बहुत धीमी होती है।
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