श्वसन तंत्र फेल और ह्दयघात
बाघिन की देखरेख कर रहे वन्यजीव चिकित्सक डॉ. अशोक कुमार तंवर ने बताया कि सोमवार देर रात तक तीनों शावक स्वस्थ थे। मंगलवार अल सुबह एक नवजात मादा शावक को केज में मृत पाया गया। पोस्टमार्टम में पाया गया कि उसकी मौत ह्दय घात और श्वसन तंत्र फेल (कार्डियोपल्मोनरी फेलीयर) होने से हुई है। पोस्टमार्टम के बाद मृत शावक को उद्यान के अंदर ही जला दिया गया।
बाघिन की देखरेख कर रहे वन्यजीव चिकित्सक डॉ. अशोक कुमार तंवर ने बताया कि सोमवार देर रात तक तीनों शावक स्वस्थ थे। मंगलवार अल सुबह एक नवजात मादा शावक को केज में मृत पाया गया। पोस्टमार्टम में पाया गया कि उसकी मौत ह्दय घात और श्वसन तंत्र फेल (कार्डियोपल्मोनरी फेलीयर) होने से हुई है। पोस्टमार्टम के बाद मृत शावक को उद्यान के अंदर ही जला दिया गया।
दूर नहीं हुई रंभा
बाघिन रंभा शावकों की देखरेख कर रहीं है। गुरुवार को वह दिनभर दोनों शावकों के पास बैठीं रहीं, पलभर भी उनसे दूर नहीं हुई। वह कभी दूध पिलाती तो कभी दुलारती नजर आयीं। मालूम हो कि उद्यान में फिलहाल एक बाघ नाहर व एक बाधिन रंभा और उसके दो नवजात शावक है।
बाघिन रंभा शावकों की देखरेख कर रहीं है। गुरुवार को वह दिनभर दोनों शावकों के पास बैठीं रहीं, पलभर भी उनसे दूर नहीं हुई। वह कभी दूध पिलाती तो कभी दुलारती नजर आयीं। मालूम हो कि उद्यान में फिलहाल एक बाघ नाहर व एक बाधिन रंभा और उसके दो नवजात शावक है।
एक्सपर्ट……..
मस्तिषक को निरंतर ऑक्सीजन नहीं मिलने से फेफड़े और ह्दय काम करना बंद कर देते है। जिससे जानवर की मौत हो जाती है। इसे कार्डियो पल्मोनरी फेलियर भी कहा जाता है। हालांकि ऑक् सीजन नहीं मिलने के कई कारण हो सकते हैं।
डॉ तेज सिंह खंगारोत, रोग नियंत्रण पशुपालन निदेशालय
मस्तिषक को निरंतर ऑक्सीजन नहीं मिलने से फेफड़े और ह्दय काम करना बंद कर देते है। जिससे जानवर की मौत हो जाती है। इसे कार्डियो पल्मोनरी फेलियर भी कहा जाता है। हालांकि ऑक् सीजन नहीं मिलने के कई कारण हो सकते हैं।
डॉ तेज सिंह खंगारोत, रोग नियंत्रण पशुपालन निदेशालय
ये भी आया सामने
– प्रसव के दौरान या बाद में बाघिन और उसके शावक पर नजर कैमरे से ही रखीं जाती है। उसके पिंजरे के आसपास व्यक्तियों का प्रवेश बंद कर दिया जाता है। कोई व्यक्ति दिखने पर वह शावकों को सुरक्षा देने के लिहाज से अमूमन मुंह से उठा सकतीं या हाथ से छुपा सकती है। जो कि शावकों के लिए काफी घातक हो सकता है। ऐसे में कोताही बरती जाती है।
– प्रसव के दौरान या बाद में बाघिन और उसके शावक पर नजर कैमरे से ही रखीं जाती है। उसके पिंजरे के आसपास व्यक्तियों का प्रवेश बंद कर दिया जाता है। कोई व्यक्ति दिखने पर वह शावकों को सुरक्षा देने के लिहाज से अमूमन मुंह से उठा सकतीं या हाथ से छुपा सकती है। जो कि शावकों के लिए काफी घातक हो सकता है। ऐसे में कोताही बरती जाती है।