scriptअर्थव्यवस्था के मोर्चे पर आई बुरी खबर, जीडीपी ग्रोथ गिरकर 4.5 प्रतिशत पर पहुंची | Bad news on the economy front, GDP growth fell to 4.5 percent | Patrika News

अर्थव्यवस्था के मोर्चे पर आई बुरी खबर, जीडीपी ग्रोथ गिरकर 4.5 प्रतिशत पर पहुंची

locationजयपुरPublished: Nov 29, 2019 09:11:22 pm

मुंबई। अर्थव्यवस्था ( economy ) के मोर्चे पर बुरी खबर है। मौजूदा वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही यानी जुलाई से सितंबर तिमाही में जीडीपी ग्रोथ ( GDP growth ) रेट गिरकर 4.5 प्रतिशत पर आ गई है। पिछली 26 तिमाहियों यानी साढ़े 6 साल में यह भारतीय अर्थव्यवस्था की सबसे धीमी विकास दर है। एक साल पहले यह 7 प्रतिशत थी, जबकि पिछली तिमाही में यह 5 प्रतिशत थी। इसके अलावा, अक्टूबर महीने में 8 कोर सेक्टरों का इंडस्ट्रियल ग्रोथ ( industrial growth ) -5.8 प्रतिशत रही है।

अर्थव्यवस्था के मोर्चे पर आई बुरी खबर, जीडीपी ग्रोथ गिरकर 4.5 प्रतिशत पर पहुंची

अर्थव्यवस्था के मोर्चे पर आई बुरी खबर, जीडीपी ग्रोथ गिरकर 4.5 प्रतिशत पर पहुंची

राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय की ओर से जारी जीडीपी आंकड़ों के अनुसार चालू वित्त वर्ष 2019-20 की जुलाई से सितंबर के दौरान स्थिर मूल्य पर जीडीपी 35.99 लाख करोड़ रुपए रही, जो पिछले साल इसी अवधि में 34.43 लाख करोड़ रुपए थी। इसी तरह दूसरी तिमाही में आर्थिक वृद्धि दर 4.5 प्रतिशत रही।
जुलाई से सितंबर तिमाही में कृषि, वानिकी और मत्स्य पालन क्षेत्र में 2.1 प्रतिशत और खनन और उत्खनन में 0.1 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई। वहीं विनिर्माण क्षेत्र में इस दौरान 1 प्रतिशत की गिरावट रही। इन तीनों समूह के खराब प्रदर्शन के कारण आर्थिक वृद्धि दर कमजोर रही। इसके अलावा बिजली, गैस, जल आपूर्ति और अन्य उपयोगकी सेवाओं के क्षेत्र में चालू वित्त वर्ष जुलाई से सितंबर तिमाही में 3.6 प्रतिशत और निर्माण क्षेत्र में 3.3 प्रतिशत वृद्धि रहने का अनुमान लगाया गया है। आलोच्य तिमाही में सकल मूल्य वद्र्धन यानी ग्रॉस वैल्यू एडेड 4.3 प्रतिशत रहा, जबकि एक साल पहले 2018-19 की इसी तिमाही में यह 6.9 प्रतिशत थी।
जीडीपी के निराशाजनक आंकड़ों पर सरकार ने कहा है कि तीसरे क्वॉर्टर में जीडीपी रफ्तार पकड़ सकती है। हम एक बार फिर कह रहे हैं कि भारतीय अर्थव्यवस्था की बुनियाद मजबूत बनी रहेगी। तीसरी तिमाही में जीडीपी के रफ्तार पकडऩे की उम्मीद है।
वित्त मंत्रालय ने भी कहा है कि तीसरी तिमाही से जीडीपी ग्रोथ बढऩे की उम्मीद है। मंत्रालय ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने इस साल अक्टूबर में अपनी वल्र्ड इकनॉमिक रिपोर्ट में अनुमान लगाया है कि 2019-20 के लिए भारत की जीडीपी ग्रोथ 6.1 प्रतिशत और 2020-21 में 7 प्रतिशत रहेगी।
राजकोषीय घाटा के मोर्चे पर भी बुरी खबर है। 2018-19 के पहले 7 महीनों यानी अप्रेल से अक्टूबर के बीच ही राजकोषीय घाटा मौजूदा वित्त वर्ष के लक्ष्य से ज्यादा हो गया है। पहले 7 महीनों में राजकोषीय घाटा 7.2 ट्रिलियन रुपए रहा जो बजट में मौजूदा वित्त वर्ष के लिए रखे टारगेट का 102.4 प्रतिशत है। सरकार की तरफ से जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक अप्रैल से अक्टूबर की अवधि में सरकार को 6.83 ट्रिलियन रुपए का राजस्व प्राप्त हुआ, जबकि खर्च 16.55 ट्रिलियन रुपए रहा।
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