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खुदा के सजदे में झुके सिर, नमाज के बाद चला कुर्बानी का दौर

locationजयपुरPublished: Aug 22, 2018 08:58:27 pm

Submitted by:

Kamlesh Sharma

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जयपुर। प्रेम, भाईचारे और त्याग का प्रतीक बकरीद का त्योहार बुधवार को धूमधाम से मनाया जा रहा है। ईद उल अजहा के दिन सुबह मुस्लिम समाज के लोग राजधानी में ईदगाह पहुंचे, जहां पर सामुहिक रूप से बकरीद की नमाज अदा की गई। इसके बाद नमाजियों ने एक दूसरे के गले लगकर बकरीद की मुबारक बाद दी।
अमन चैन की मांगी दुआ

नमाज के दौरान खुदा के सजदे में सिर झूकाकर देश के लिए अमन चैन की दुआ मांगी गई। इसके बाद कुर्बानी का दौर शुरू हुआ। मुस्लिम समाज के लोगों ने अल्लाह की राह में पसंदीदा चीज की कुर्बानी दी। मीठी ईद के ठीक दो माह बाद आने वाला बकरीद का त्योहार मुस्लिम समाज का बड़ा त्योहार है। बकरीद को लेकर बच्चों से लेकर बड़े तक जश्न में डूबे नजर आए।
कपड़ा और बकरा बाजार रहा परवान पर

इससे पहले मंगलवार को मुस्लिम बाहुल बाजारों और अन्य बाजारों में खरीददारी परवान पर रही। मुस्लिम समाज के लोग बाजारों की दुकानों में मोल भाव करते नजर आए। कोई कपड़े खरीदने में मशगुल दिखा तो कोई बकरे की खरीददारी करते नजर आया। इस दौरान कुर्ते पायजामें की दुकानों पर खासी रौनक रही। इसके चलते बाजारों में खरीद फरोख्त को लेकर भीड़ लगी रही।
कुर्बानी के गोश्त के किए तीन हिस्से

ऐसा माना जाता है कि बकरीद को आर्थिक रूप से सक्षम मुसलमान पसंदीदा वस्तु की कुर्बानी देते हैं। कुर्बानी के गोश्त को तीन हिस्सों में बांटा जाता है। इनमें से एक हिस्सा गरीबों को दिया जाता है। जबकि शेष दो हिस्से रिश्तेदारों व घर के लिए काम में लिया जाता है।इस्लामिक मान्यताओं के मुताबिक, पैगंबर हजरत इब्राहिम के समय से इस्लाम को माननेवाला हर शख्स पसंदीदा चीज की कुर्बानी देता है। इसके चलते ईद का त्यौहार मनाया जाता है। दरअसल, हजरत इब्राहिम के जमाने से बकरीद की शुरुआत हुई थी। पैगंबर साहब हमेशा बुराई के खिलाफ लड़ते रहे और उनका जीवन समाज सेवा में पूरा हो गया।
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