आरसीए से बैन हटा लेकिन चुनाव की कलह में फिर घरेलू क्रिकेट पर संकट के बादल
जयपुरPublished: Sep 09, 2019 10:44:38 am
दो दो चुनाव हुए तो फिर कोर्ट में जा सकता है मामला
Ban lifted from RCA but in the bickering of elections
जयपुर
लंबे अरसे बाद राजस्थान की क्रिकेट के लिए खुशखबरी आई। 5 साल 4 माह बाद बीसीसीआई ने राजस्थान क्रिकेट संघ को बहाल क्या किया की एक बार फिर प्रदेश में घरेलू क्रिकेट की उम्मीद जाग उठी। युवा खिलाड़ियों के सपनों ने फिर से उड़ान भरी और घरेलू क्रिकेट की फिर से शुरू होने की उम्मीद जाग उठी।लेकिन आरसीए की गुटबाजी में एक बार फिर इन उम्मीदों पर संकट के बादल मंडराते नजर आ रहे हैं। जोशी गुट और नांदू गुट के बीच हो रही चुनाव की कलह को लेकर एक बार फिर घरेलू क्रिकेट के सपनें टूटते से नजर आ रहे हैं। बीसीसीआई ने इसी शर्त पर बैन हटाया है कि अक्टूबर माह से पहले ही चुनाव करवा लिए जाए। लेकिन नांदू गुट के अनुसार आरसीए के चुनाव 22 सितम्बर को होने है और जोशी गुट चुनाव का कार्यक्रम आज या कल घोषित कर सकता हैं। इसी को लेकर आरसीए में दोनों गुटों के समर्थकों का आना जाना लगा हुआ है और शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस ने व्यवस्थाएं संभाल रखी हैं। जैसे ही जोशी गुट कार्यक्रम जारी करेगा वैसे ही दो चुनाव होंगे। अब आरसीए के अगर चुनाव हुए तो दो दो कार्यकारिणाी बन जाएगी। ऐसे में एक बार फिर से मामला न्यायलय जा सकता हैं। अगर मामला न्यायलय में गया तो फिर से आरसीए उसी जगह आकर खड़ा हो जाएगा जहां पर वह पहले खड़ा हो गया था। आरसीए की कार्यकारिणी नहीं होने पर बीसीसीआई से आरसीए पर बकाया करीब 150 करोड़ रुपए राशि फिर अटक जाएगी। जिससे फिर राजस्थान में क्रिकेट पर संकट आ जाएगा।
भंग हो सकती है कार्यकारिणी
अगर दोनों ही गुट इस तरह से उलझते रहे और कोई समाधान नहीं निकला तो दो-दो चुनाव होंगे। ऐसे में मामला न्यायलय में जाना तय लग रहा हैं। लेकिन जानकारों की माने तो मामले को सुलझाने का दूसरा तरीका यह भी है कि आरसीए की कार्यकारिणी को भंग कर एड हॉक कमेटी बनाकर उसे मामला सौंप दिया जाए।