scriptfirecrackers Ban: पटाखों पर पाबंदी: 5 हजार करोड़ का करोबार प्रभावित | Ban on firecrackers: 5 thousand crore business affected | Patrika News

firecrackers Ban: पटाखों पर पाबंदी: 5 हजार करोड़ का करोबार प्रभावित

locationजयपुरPublished: Oct 04, 2021 08:30:05 am

शहर को रोशन करने वाले खुद अंधेरे में डूब गए है। सरकार ने लगातार दूसरे साल दिवाली से पहले ही पटाखों ( firecrackers ) पर पाबंदी लगा दी है। सरकार के इन आदेशों से पटाखा कारोबारियों ( bann firecrackers ) में हड़कम्प मच गया है। पिछली दिवाली ( Diwali ) पर भी सरकार ने पटाखे बेचने और चलाने पर प्रतिबंध लगा दिया था।

firecrackers Ban: पटाखों पर पाबंदी: 5 हजार करोड़ का करोबार प्रभावित

firecrackers Ban: पटाखों पर पाबंदी: 5 हजार करोड़ का करोबार प्रभावित

जयपुर। शहर को रोशन करने वाले खुद अंधेरे में डूब गए है। सरकार ने लगातार दूसरे साल दिवाली से पहले ही पटाखों पर पाबंदी लगा दी है। सरकार के इन आदेशों से पटाखा कारोबारियों में हड़कम्प मच गया है। पिछली दिवाली पर भी सरकार ने पटाखे बेचने और चलाने पर प्रतिबंध लगा दिया था। हालांकि मामला अब कोर्ट में पहुंच चुका है, लेकिन कोरोना के कम होते असर को देखते हुए जिन कारोबारियों ने पटाखे खरीद लिए या बुक करा दिए, उन्हें इस पाबंदी से भारी नुकसान उठाना पड़ेगा। इस बार भी सरकार ने प्रदेश में पटाखे बेचने पर 10 हजार रुपए और चलाने पर 2 हजार रुपए का जुर्माना देना होगा।
पटाखे नहीं अब बेच रहे है कपड़े
पटाख कारोबारी राजेश और उनका परिवार पिछले 50 साल से पटाखों के कारोबार से जुड़ा हुआ है। हर साल दिवाली से पहले अगस्त में ही इनका कारोबार शुरू हो जाता था, लेकिन इस बार ये पटाखों की जगह कपड़े बेच रहे हैं। पटाखों की दुकान का साइन बोर्ड साइड में पड़ा है। अमूमन सभी पटाखा कारोबारियों का पिछले साल से यही हाल है। कोरोना महामारी को देखते हुए पिछली बार भी सरकार ने प्रदेश में पटाखे चलाने और बिक्री पर पाबंदी लगा दी थी।
प्रदेश में पटाखा कारोबारियों की हालत
यहां करीब 5 हजार व्यापारी स्थाई लाइसेंस वाले हैं। इसमें पारम्परिक आतिशबाजी करने वाले शोरगर भी शामिल हैं। दिवाली पर लगभग 35 हजार अस्थाई लाइसेंस जारी किए जाते हैं। 10 से 15 पटाखा निर्माता यूनिट्स भी हैं। अनुमान है कि प्रदेश में दिवाली के मौके पर करीब 20 लाख लोगों को पटाखा व्यवसाय से रोजगार मिलता है। दिवाली के साथ सालभर होने वाले शादी समारोह को भी शामिल करें, तो यह सालाना करीब 5 हजार करोड़ का करोबार है।
एडवांस पेमेंट, अब डूबा पैसा
देश में सबसे ज्यादा पटाखे बनाने वाली फैक्ट्रियां तमिलनाडू के शिवाकाशी में हैं। यहां सालभर पहले ही पटाखों की बुकिंग हो जाती है। थोक व्यापारी एडवांस पेमेंट कर पटाखे बुक कराते हैं। प्रदेश में सरकार ने पिछले साल जो पाबंदी लगाई गई थी, उसे इस साल फरवरी में हटा लिया गया था। इसके बाद प्रदेश के व्यापारियों ने दिवाली के लिए एडवांस पेमेंट जमा करा कर पटाखे बुक करा दिए। अब सरकार ने पाबंदी लगा दी। इससे व्यापारियों को करोड़ो रुपए का नुकसान होना तय है।
ग्रीन पटाखे बड़ा विकल्प
देश में राजस्थान के साथ दिल्ली और हरियाणा में भी पटाखों की बिक्री पर रोक लगा रखी है। इसके पीछे दिल्ली में फैलने वाला प्रदूषण भी एक कारण है। इन राज्यों के अलावा देश में और कहीं भी अभी तक पटाखों के व्यापार पर सरकार की ओर से पाबंदी की सूचना नहीं है। अब प्रदेश में सरकार चाहे तो केवल ग्रीन पटाखों के लिए लाइसेंस जारी कर सकती है। इसमें प्रति लाइसेंस पटाखे बेचने की मात्रा भी तय हो सकती है। इसके लिए पटाखा व्यवसायी भी सहमत हैं।

कोरोना ने करोड़ों के इस कारोबार को ठप कर दिया और इससे जुड़े लाखों लोगों से उनका रोजगार को छीन लिया है। प्रदेश के बीस लाख लोग जो प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से इससे जुड़े है वह दूसरा काम करने के लिए मजबूर हो गए है।
जहीर अहमद, अध्यक्ष, फायरवक्र्स आर्टिस्ट एसोसिएशन

कुछ दिन पहले सरकार ने व्यापारियों ने अस्थाई लाइसेंस के आवेदन मांगे थे और व्यापारियों ने आवेदन भी कर दिए थे। इसी को देखते हुए व्यापारियों ने एडवांस में पटाखे भी खरीद लिए है। अब रोक लगने से इन व्यापारियों को लाखों रुपए का नुकसान हो रहा है।
ललित सिंह सांचौर, अध्यक्ष, जयपुर व्यापार मंडल
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