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जयपुर

बजरी पर रोक लगते ही प्रदेश में माफिया सक्रिय, अवैध बजरी वाहनों के सीज करने के बजाय प्रशासन कर रहा राजस्व वसूली

अवैध बजरी खनन धड़ल्ले से चालू,कालाबाजारी रोकने में नाकाम प्रशासन, सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों की अवहेलना करने वाले वाहनों को छोड़ा जा रहा जुर्माना लेकर

जयपुरNov 21, 2017 / 11:28 am

rajesh walia

Ban on Illegal Sand mines in Rajasthan Opening Illegal Gravel mining Despite the Supreme Court orders
बजरी खनन पर सुप्रीम कोर्ट की रोक के साथ ही प्रदेश में बजरी माफिया सक्रिय हो गया है। गिरोह के लोग नदियों से अवैध रूप से खनन कर मुंह मांगी कीमत पर बाजार में बजरी बेच रहे हैं। उधर, प्रशासन अवैध खनन पर रोक लगाने में नाकाम तो पहले ही है। अब बजरी लाने वाले वाहनों को सीज करने के बजाय जुर्माना लेकर राजस्व वसूली करने में लगा है। ऐसे में अवैध खनन में जुटे लोगों के भी हौंसले बढ़ रहे हैं।
जानकारी के मुताबिक खान विभाग के अधिकारियों को अवैध खनन होने की जानकारी है, फिर भी रोक नहीं लगा पा रहे। हालांकि रास्ते में मिलने वाले वाहनों को जरूर पकडऩे की खानापूर्ति हो रही है। लेकिन खास बात यह है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की अवहेलना करने वालों के वाहनों को जब्त करने के बजाय मालूली जुर्माना राशि लेकर बजरी सहित छोड़ा जा रहा है।
700 रुपए की 3 हजार रुपए टन मिल रही बजरी –

सामान्य तौर पर 700 से 750 रुपए टन में मिलने वाली बजरी अब अवैध खनन कारोबारी 2500 से 3000 रुपए टन में बेच रहे हैं। इस बजरी के खरीदार भी वे ही लोग हैं, जिनके मकानों का काम अंतिम चरण में चल रहा है और लम्बे समय बजरी के लिए रूक नहीं सकते। हालांकि बजरी पर रोक लगने के बाद ज्यादातर निर्माण कार्य बंद हो गए हैं।
खान मंत्री ने ली बैठक –

बजरी पर रोक के बाद बने हालात और सुप्रीम कोर्ट में मुख्य सचिव की ओर से चार हफ्ते में शपथ पत्र पेश करने की तैयारी को लेकर खान मंत्री सुरेन्द्रपाल सिंह टीटी ने विभागीय अधिकारियों की बैठक ली। इसमें शपथ पत्र को लेकर पेश किए जाने वाले तथ्यों को लेकर चर्चा की गई।
कीचड़ में फंसा ट्रक –

सांगानेर क्षेत्र में तो अवैध रूप से बजरी ला रहे ट्रेक्टर-ट्रोली की पुलिस-प्रशासन की टीम ने पीछा किया तो बचने के लिए चालक ने एक गांव में कीचड़ में ट्रेक्टर को घुसा दिया। बाद में उसे क्रेन के जरिए निकलवाया गया।
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