-बैंक ऑफ इंडिया की शिकायत पर कार्रवाई सीबीआई ने बताया कि बैंक ऑफ इंडिया की शिकायत पर सीबीआई ने फ्रॉस्ट इंटरनेशनल, इसके मौजूदा एवं पूर्व निदेशकों, गारंटी देने वाली तीन अन्य कंपनियों तथा कुछ बैंक अधिकारियों एवं निजी व्यक्तियों के खिलाफ 14 बैंकों के साथ 3592 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया है। सीबीआई अधिकारियों ने यह कार्रवाई बैंक ऑफ इंडिया के कानपुर क्षेत्रीय कार्यालय की शिकायत पर की है।
-कोई वास्तविक कारोबार नहीं, फिर भी… बैंक का आरोप है कि निदेशकों का कोई वास्तविक कारोबार नहीं है फिर भी उन्होंने कर्ज लेने के लिए व्यापारिक गतिविधियों की आड़ ली। इसे जनवरी, 2018 के बाद किसी सरकारी बैंक के साथ की गई सबसे बड़ी धोखाधड़ी माना जा रहा है।
-नीरव-मेहुल धोखाधड़ी के बाद बड़ा मामला जनवरी, 2018 में नीरव मोदी और मेहुल चौकसी का पंजाब नेशनल बैंक के साथ 13,000 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी का मामला सामने आया था। -आरोपियों में ये शामिल
फ्रॉस्ट इंटरनेशनल मुंबई की कंपनी है, जो विभिन्न वस्तुओं के आयात एवं निर्यात का काम करती है। इसके निदेशकों पर 2011 में बैंकों के 4,061.95 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी करने का आरोप है। गौरतलब है कि दो दिन पहले ही कुछ अज्ञात बैंक अधिकारियों, फर्म और 13 व्यक्तियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई थी। इसमें कंपनी के निदेशकों उदय जयंत देसाई, सुजय उदय देसाई और अन्य प्रमोटर सुनील लालचंद वर्मा और अनूप कुमार वाडेरा भी शामिल हैं।