कर्ज वसूली में तीन माह तक रोक
जयपुरPublished: Mar 28, 2020 01:51:36 am
आरबीआइ का बड़ा ऐलान
कर्ज वसूली में तीन माह तक रोक
नई दिल्ली. केंद्र सरकार के 1.7 लाख करोड़ के राहत पैकेज के ठीक 21 घंटे बाद भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआइ) ने किसानों और मध्यम वर्ग को बड़ी राहत देने की घोषणा की। आरबीआइ ने कोरोना के प्रकोप और राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन के मद्देनजर सभी बैंकों, ऋण संस्थानों को अपने सभी तरह के कर्ज की वसूली पर अगले तीन महीनों के लिए रोक लगाने की मोहलत दे दी। मतलब यह है कि बैंक अपने ग्राहकों को एक मार्च 2020 से 31 मई 2020 तक तीन मासिक किस्तों का भुगतान नहीं करने की अनुमति दे सकते हैं।
15 वर्ष में सबसे कम
रेपो रेट में 0.75त्न की कटौती, ईएमआइ हो सकती है कम
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की 25 से 27 मार्च के बीच हुई समीक्षा बैठक में रेपो रेट 0.75त्न घटाने का फैसला हुआ। अब रेपो रेट 4.40त्न हो गई है। यह 15 वर्षों में सबसे कम है। रिवर्स रेपो रेट में भी 0.90त्न की कटौती की गई है, जो घटकर 4त्न हो गई है। अब बैंकों का काम होगा कि इस लाभ को वे अन्य ग्राहकों तक पहुंचाएं। इससे बैंकों को आरबीआइ से कम दर पर कर्ज मिलेगा तो वो भी ग्राहक को सस्ता कर्ज उपलब्ध कराएंगे। मौजूदा ग्राहकों की किस्त (ईएमआइ) कम होगी।
क्रेडिट कार्ड का बकाया भी शामिल
इस छूट में मूलधन, ब्याज या दोनों, बुलेट भुगतान, ईएमआइ और क्रेडिट कार्ड का बकाया शामिल है। हालांकि, इस मोहलत (अधिस्थगन) के दौरान ऋण के बकाया हिस्से पर ब्याज देना होगा।
क्रेडिट रिपोर्ट पर नहीं पड़ेगा असर : कर्ज भुगतान में मिलने वाली मोहलत का कर्ज लेने वाली की क्रेडिट रिपोर्ट जैसे सिबिल बेअसर रहेगी। यानी इसे डिफाल्ट नहीं माना जाएगा।
बैंकों को लेनी होगी बोर्ड से अनुमति
रिजर्व बैंक के अनुसार ‘बैंकों को सभी टर्म लोन में सभी को किस्त भुगतान पर तीन महीने की मोहलत देने की अनुमति है।Ó हालांकि इसके लिए बैंकों अपने बोर्ड से अनुमति लेनी होगी।
कारोबारियों और मध्यमवर्ग को फायदा
आरबीआइ ने अर्थव्यवस्था को बचाने के लिए बड़े कदम उठाए हैं। ये घोषणाएं लिक्विडिटी को बढ़ाएंगी, फंड की लागत को कम करेंगी और इसके साथ ही कारोबार और मध्यम वर्ग को इनसे मदद मिलेगी। नरेंद्र मोदी, प्रधानमंत्री