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पुलिस की ये कैसी सख्ती, दोबारा शुरू हो जाता है यह काम

locationजयपुरPublished: Sep 06, 2018 12:07:51 pm

Submitted by:

Mridula Sharma

शहर में फैलता हुक्का बार का जाल, कमाई के लालच में युवाओं को धकेल रहे गर्त में

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पुलिस की ये कैसी सख्ती, दोबारा शुरू हो जाता है यह काम

जयपुर. शहर में हुक्का बार लगातार फल-फूल रहे हैं। कमाई के लालच में युवाओं को गर्त की ओर धकेलने और स्वास्थ्य से खिलवाड़ करने के बावजूद पुलिस हुक्का बारों पर लगाम नहीं लगा पा रही है। रेस्टोरेंट की आड़ में चल रहे अवैध हुक्का बारों पर पुलिस की कार्रवाई दिखावा ही साबित हो रही है। पुलिस की ‘सख्तीÓ का हाल यह है कि कार्रवाई के कुछ दिन बाद ही संबंधित हुक्का बार फिर शुरू हो जाते हैं। हुक्का बार शहर के ज्यादातर इलाकों में पनप चुके हैं लेकिन पुलिस की कार्रवाई कुछ ही जगह तक सीमित रही है। जवाहरनगर, अशोकनगर, ज्योतिनगर, बजाजनगर और वैशालीनगर थाना पुलिस ने पिछले कुछ दिन में कई जगह कार्रवाई की लेकिन बाहरी इलाकों में पुलिस सुस्त है। जबकि सांगानेर, प्रतापनगर, जवाहर सर्कल, भांकरोटा, मानसरोवर, शिप्रापथ आदि क्षेत्रों में भी अवैध हुक्का बार बेधड़क चल रहे हैं। पुलिस कमिश्नरेट ने सभी थानों को इन पर सख्त कार्रवाई के लिए आदेश भी दे रखे हैं।
सख्त नहीं पुलिस, इसलिए नहीं लगाम
कार्रवाई के दौरान पुलिस कोटपा एक्ट से जुड़ी सामान्य धाराओं में केस दर्ज कर मैनेजर को गिरफ्तार करती है। इसमें जुर्माना भरकर थाने से ही जमानत हो जाती है। जानकारों का कहना है कि कोई भी नाबालिग चाहे सर्व करने वाला हो या सेवन करने वाला, उसके बयानों के आधार पर गैर जमानती धाराओं में मामला दर्ज कर सख्त कार्रवाई की जा सकती है।
दो दिन में 4 जगह कार्रवाई
वैशालीनगर में पुलिस ने पिछले शुक्रवार और शनिवार रात को 4 जगह कार्रवाई की थी। अशोकनगर और सी-स्कीम स्थित 3 बड़े रेस्टोरेंट पर भी कार्रवाई की गई। कुछ दिन पहले बजाजनगर पुलिस ने 3 जगह कार्रवाई की थी।

जानकारों के अनुसार पुलिस अक्सर मैनेजर, वेटर या अन्य कर्मचारी की गिरफ्तारी दिखाती है। जमीन मालिक या रेस्टोरेंट मालिक के विरुद्ध रिपोर्ट दर्ज नहीं की जाती। ऐसे में कुछ दिन बाद हुक्का बार फिर शुरू हो जाते हैं। सालभर पहले जवाहर नगर पुलिस ने पंचवटी सर्कल स्थित एक हुक्का बार पर 3 महीने में 5 बार कार्रवाई की थी। आखिर हुक्का बार के लिए जगह जिसने किराए पर ले रखी थी, उसे भी मामले में आरोपी बनाया तब जाकर के हुक्का बार बंद हो पाया।
विशेषज्ञ का कहना है
हुक्के में तम्बाकू, कैमिकल और फ्लेवर का इस्तमाल होता है जो शरीर के लिए काफी नुकसानदायक है। इससे कैंसर, अस्थमा, एलर्जी जैसी बीमारियों का खतरा रहता है। शरीर में धुआं ही तो जाता है, उससे कार्बन एकत्र होता है।
डॉ. पवन सिंघल, कैंसर विशेषज्ञ, एसएमएस अस्पताल

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