उन्होंने कहा कि यह मौतें कुपोषण की वजह से हो रही हैं। राज्य में स्वाइन फ्लू तेजी से पैर पसार रहा है। विधायक कीर्ति कुमारी की मौत हो चुकी हैं। इसके बावजूद चिकित्सा विभाग कुछ नहीं कर पा रहा। चिकित्सा मंत्री उल्टा अपने चहेतों के लिए एसएमएस और जयपुरिया अस्पताल में वीआईपी कल्चर को बढ़ावा दे रहे हैं।
हम आपको बता दें कि पत्रिका ने शनिवार को ही इस संबंध में खबर प्रकाशित कर बताया था कि बांसवाड़ा जिले में 53 दिन में 81 नवजातों की मौत हो गर्इ। वहीं शुक्रवार को महात्मा गांधी अस्पताल में तीन घंटे में चार नवजातों की मौत हो गर्इ थी। इसके बाद चिकित्सालय प्रशासन में हड़कंप मच गया था। इन मौतों को मिलाकर मौतों का आंकड़ा 63 दिन में 88 तक पहुंच गया। इसके बाद चिकित्सा मंत्री ने दोषियों के खिलाफ कार्रवार्इ की बात कही थी। इन मौतों के बाद एफफबीएनसी प्रभारी रंजन चरपोटा ने बताया कि अधिकांश नवजात एेसे थे जो पहले से ही गंभीर अवस्था में आए थे जिन्हें बचाने का प्रयास किया गया लेकिन उनकी स्थिति एेसी नहीं थी कि उपचार का उन पर कोर्इ असर होता।