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प्रदेश में बाढ़ से बढ़ी चिंता, रिफाइनरी को खतरा!

locationजयपुरPublished: Sep 17, 2019 09:15:41 pm

Submitted by:

anant

प्रदेश के कई हिस्सों में बाढ़ के कारण बने हालात को देखते हुए अब निर्माणाधीन रिफाइनरी को बाढ़ और अतिवृष्टि से बचाने की कवायद शुरू हो गई है। रिफाइनरी को पानी भराव से बचाने के लिए प्रोजेक्ट तैयार किया गया है।

प्रदेश में बाढ़ से बढ़ी चिंता, रिफाइनरी को खतरा!

प्रदेश में बाढ़ से बढ़ी चिंता, रिफाइनरी को खतरा!

प्रदेश के कई हिस्सों में बाढ़ के कारण बने हालात को देखते हुए अब निर्माणाधीन रिफाइनरी को बाढ़ और अतिवृष्टि से बचाने की कवायद शुरू हो गई है। रिफाइनरी को पानी भराव से बचाने के लिए प्रोजेक्ट तैयार किया गया है। रिफाइनरी के चारों तरफ बंडवॉल बनाई जाएगी जो रिफाइनरी के भीतर पानी को आने से रोकेगी। इसके लिए आइआइटी रूड़की ने प्रोजेक्ट तैयार किया है। बतादें कि रिफाइनरी पचपदरा के सांभरा क्षेत्र में है, जहां दलदली जमीन है और पानी को लेकर खतरा भी अधिक है।
बारिश ज्यादा होने पर रिफाइनरी को इससे बचाने के लिए अब यहां पर बंडवाल का निर्माण करवाया जाएगा जो एक तरह से तटबंदी होगी। रिफाइनरी क्षेत्र से निकलने वाला पानी जब इस वॉल से टकराएगा तो इसकी दिशा बदल जाएगी। मिट्टी की भराई करने के बाद पत्थर या कंक्रीट के प्लास्टर, मिट्टी आदि से बनने के बाद पत्थरों की पिंचिंग की जाएगी। आइआइटी रुड़की के सुझाव के बाद एचपीसीएल की ओर से कंसल्टेंट एजेंसी से बंडवॉल की डिजायन तैयार करवाई गई है। रिफाइनरी के आसपास समुद्र तल से करीब 106 मीटर की ऊंचाई तक बाढ़ या बरसाती पानी के आने की आशंका है। इस पर एचपीसीएल की ओर जमीन के स्तर के अनुरूप समुद्र तल से 108 मीटर की ऊंचाई के हिसाब से बंडवॉल का निर्माण करवाया जाएगा।

बतादें कि पहले जहां बारिश और फिर बाढ़ की कल्पना कम की जाती थी। वहीं साल 2006 की कवास की बाढ़ ने इस कल्पना को तोड़ दिया। कवास की बाढ़ से चारों तरफ नुकसान हुआ। इसके बाद गुड़ामालानी, बालोतरा और अन्य जगहों पर बाढ़ के हालात पैदा होते रहे हैं। इसे दिखते हुए रिफाइनरी, तेल कुओं को पानी से बचाव के उपाय किए जा रहे हैं।