इस योजना के तहत अब तक कुल लगभग 6000 आवेदकों की ओर से पंजीकरण करवाया जा चुका है। जिनमें से 2200 आवेदकों ने सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित करने के लिए तथा 3800 आवेदकों ने अपनी भूमि लीज पर दिए जाने के लिए पंजीकरण करवाया है।
राजस्थान अक्षय ऊर्जा निगम के प्रबंध निदेशक अनिल गुप्ता ने बताया कि इस योजना में किसान, किसानों का समूह, सहकारी समितियां, पंचायत, किसान उत्पादक संगठन, जल उपभोक्ता एसोसिएशन विकासकर्ता किसान की भूमि लीज पर लेकर सौर ऊर्जा संयंत्रों की स्थापना कर सकते है। एक मेगावॉट क्षमता के सौर ऊर्जा संयंत्र की स्थापना के लिए लगभग 2 हैक्टेयर भूमि की आवश्यकता होगी।
सौर ऊर्जा उत्पादक का चयन आवेदकों की ओर से आवेदित क्षमता सब स्टेशन पर घोषित क्षमता से कम या बराबर होने पर सीधे ही तथा आवेदित क्षमता सब-स्टेशन की घोषित क्षमता से अधिक होने पर रिवर्स बिंडिग के माध्यम से किया जाएगा। इस योजना के अन्तर्गत किसानों को उनकी बंजर व अनुपयोगी भूमि से एक नियमित आय का स्त्रोत विकसित होगा।