scriptBasant Panchami आज : मां सरस्वती की होगी आराधना, वर्ष का पहला अबूझ सावा, शहर में 1000 से अधिक होंगी शादियां | Basant Panchami 2020: Abuj Sava 2020: 1000 Wedding in Jaipur today | Patrika News
जयपुर

Basant Panchami आज : मां सरस्वती की होगी आराधना, वर्ष का पहला अबूझ सावा, शहर में 1000 से अधिक होंगी शादियां

सिद्धि और सर्वार्थसिद्धि योग में आज शहर में बसंत पंचमी ( Basant Panchami 2020 ) का पर्व मनाया जाएगा। मां सरस्वती ( Maa Saraswati ) की आराधना के साथ ही वर्ष का पहला अबूझ सावा होने के कारण इस दिन बड़ी संख्या में एकल और सामूहिक विवाह होंगे…

जयपुरJan 29, 2020 / 08:21 am

dinesh

basant_panchami.jpg
जयपुर। सिद्धि और सर्वार्थसिद्धि योग में आज शहर में बसंत पंचमी ( Basant Panchami 2020 ) का पर्व मनाया जाएगा। मां सरस्वती ( Maa Saraswati ) की आराधना के साथ ही वर्ष का पहला अबूझ सावा ( Abuj Sava 2020 ) होने के कारण इस दिन बड़ी संख्या में एकल और सामूहिक विवाह होंगे। ज्योतिषाचार्य पं.दामोदर प्रसाद शर्मा ने बताया कि बुधवार को मंगल वृश्चिक राशि, बृहस्पति धनु और शनि मकर राशि में रहेंगे। इसके अलावा कई अन्य संयोग बनने के साथ ही मां सरस्वती और भगवान विष्णु की भी पूजा होगी। पंं.पुरुषोत्तम गौड़ ने बताया कि इस दिन पूजन का मुहूर्त सुबह 11.19 से दोपहर 12 बजे तक रहेगा। वहीं, बसंत पंचमी की अवधि बुधवार सुबह 10.46 से गुरुवार दोपहर 1.20 बजे तक रहेगी। इस चलते कुछ जगहों पर इसे 29 और कुछ जगह 30 जनवरी को मनाया जाएगा। इस दौारान शहर में करीब 1000 शादियां होंगी।
गोविंद देव जी : झांकियों का परिवर्तित समय
मंगला झांकी : सुबह 4 से 4.15 बजे
अभिषेक तिथि पूजन : सुबह 4.45 से 5 बजे
धूप झांकी : सुबह 8.30 से 9.45 बजे
शृंगार : सुबह 10.15 से 11 बजे
राजभोग झांकी : सुबह 11.45 से 12.15 बजे तक
वहीं, शाम की झांकियों का समय यथावत रहेगा।
हिन्दू धर्म के अनुसार पूरे वर्ष को छह ऋतुओं में बांटा गया है। ग्रीष्म ऋतु, शरद ऋतु, हेमंत ऋतु, शिशिर ऋतु, वर्षा ऋतु और वसंत ऋतु। सरस्वती पूजा का मौसम बसंत ऋतु का माना गया है। इस मौसम में कई तरह के फूल खिलते हैं। बसंत ऋतु में पेड़ों और पौधों पर नई कोंपलें निकलती हैं। हिन्दू धर्म में इस दिन का खास ही महत्व है। तो आइए, आपको इस पूजा से जुड़ी हर महत्वपूर्ण जानकारी के बारे में बताते हैं। जानिए, आखिर यह पूजा क्यों की जाती है और क्यों विशेष रूप से सरस्वती की इस दिन आराधना होती है।
यों तो माघ का यह पूरा मास ही उत्साह देने वाला है, पर वसंत पंचमी का पर्व भारतीय जनजीवन को अनेक तरह से प्रभावित करता है। प्राचीनकाल से इसे ज्ञान और कला की देवी मां सरस्वती का जन्मदिवस माना जाता है। जो शिक्षाविद भारत और भारतीयता से प्रेम करते हैं, वे इस दिन मां शारदे की पूजा कर उनसे और अधिक ज्ञानवान होने की प्रार्थना करते हैं। कलाकार चाहे वे कवि हों या लेखक, गायक हों या वादक, नाटककार हों या नृत्यकार, सब दिन का प्रारम्भ अपने उपकरणों की पूजा और मां सरस्वती की वंदना से करते हैं।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो