scriptधैर्य रखें, अभी घरों से निकले तो 10 दिन की मेहनत बेकार | Be patient, if you come out of homes, 10 days hard work is useless | Patrika News

धैर्य रखें, अभी घरों से निकले तो 10 दिन की मेहनत बेकार

locationजयपुरPublished: Apr 01, 2020 12:44:48 am

Submitted by:

vinod

कोरोना वायरस (Corona virus) के संक्रमण के खतरे को देखते हुए देशभर में लॉकडाउन (Lockdown) है। इस बीच चिकित्सा मंत्री (Medical minister) रघु शर्मा ने कहा कि लोग धैर्य रखें, घरों में ही रहें। अभी घरों से से निकले तो 10 दिन की मेहनत बेकार हो जाएगी।

धैर्य रखें, अभी घरों से निकले तो 10 दिन की मेहनत बेकार

धैर्य रखें, अभी घरों से निकले तो 10 दिन की मेहनत बेकार

जयपुर/भीलवाड़ा। कोरोना वायरस (Corona virus) के संक्रमण के खतरे को देखते हुए देशभर में लॉकडाउन (Lockdown) है। इस दौरान लोग घरों में ही रहें (Stay home) इसके लिए प्रशासन और पुलिस सख्ती भी कर रही है। इस बीच चिकित्सा मंत्री (Medical minister) रघु शर्मा ने कहा कि लोग धैर्य रखें, घरों में ही रहें। अभी घरों से से निकले तो 10 दिन की मेहनत बेकार हो जाएगी।
राजस्थान में कोरोना संक्रमण का सर्वाधिक खतरा भीलवाड़ा और जयपुर में है। सरकार ने खतरे को टालने के लिए पूरी ताकत लगा रखी है। अभी जनता को और धैर्य रखना होगा। यह बात चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा ने कही। उन्होंने कहा कि कि भीलवाड़ा में जैसे-जैसे रोगी बढ़े हमारी चिंताएं भी बढ़ गई। अब भी सर्वाधिक संक्रमित हैं। ऐसे में अलर्ट जरूरी है। अच्छी बात है कि यहां के जिला प्रशासन, चिकित्सा विभाग और पुलिस ने अच्छा काम किया। जिस तरह से लोग घरों में रहे और 2000 टीमों ने 25 लाख लोगों की स्क्रीनिंग की। इससे संक्रमण रोकने में मदद मिली। पर इसे पूरी सफ लता नहीं कह सकते हैं। अभी एक चरण पूरा हुआ है। जिन 26 संक्रमितों में से 11 की रिपोर्ट निगेटिव आई है, उनकी 28 दिन निगरानी जरूरी है। इसे देखते भीलवाड़ा को अगले 10 दिन (3 से 13 अप्रेल) पूरी तरह बंद रखा जाएगा। अभी ढील दी तो अब तक की मेहनत बेकार चली जाएगी। कम्युनिटी स्प्रेड से बचाने के लिए अब फ ील्ड से और नमूने लिए जाएंगे। अगले दस दिन में भीलवाड़ा में फिर घर-घर जांच होगी।
कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग का काम गंभीर
उन्होंने बताया कि प्रदेश में जहां पॉजिटिव केस सामने आए, वहां कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग कार्य गंभीर हो गया। उनके संपर्क तलाशे जा रहे हैं। अभी 1600 लोग इसके दायरे में हैं। जितने लोग मरीज के संपर्क में आए होंगे, उनकी भी ट्रेसिंग कराएंगे।
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