गहलोत सोमवार शाम को मुख्यमंत्री निवास पर प्रदेश में कोरोना संक्रमण की स्थिति तथा कोरोना के विरुद्ध जन आंदोलन की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि चिकित्सा विशेषज्ञ कोरोना के बदलावों का गहन विश्लेषण एवं अध्ययन कर इसे हराने के लिए स्थानीय रणनीति बनाएं। गहलोत ने बैठक के दौरान नो मास्क-नो एंट्री अभियान की समीक्षा भी की।
बैठक के महत्वपूर्ण बिन्दु
– 24 सितम्बर को प्रदेश में 2 हजार 902 ऐसे रोगी अस्पतालों में भर्ती थे जिन्हें ऑक्सीजन, आईसीयू तथा वेंटिलेटर की आवश्यकता थी। इनकी संख्या अब 17 अक्टूबर को घटकर एक हजार 884 रह गई है।
– अस्पतालों में ऑक्सीजन की कोई कमी न रहे, इसके लिए राज्य के सभी जिला अस्पतालों में कंप्रेस्ड एयर ऑक्सीजन प्लांट लगाने के साथ-साथ 6 प्रमुख मेडिकल कॉलेज से संबंद्ध कोविड अस्पतालों में लिक्विड ऑक्सीजन प्लांट्स लगाए जा रहे हैं। बीस जिला अस्पतालों में तो ये प्लांट्स स्थापित भी किए जा चुके हैं।
– प्रदेश में प्रतिदिन 20 हजार से अधिक ऑक्सीजन सिलेंडर की उपयोग क्षमता विकसित कर ली गई है। जिसे नवम्बर माह तक प्रतिदिन 30 हजार सिलेंडर तक बढ़ाने का लक्ष्य रखा गया है।
– केन्द्र ने राजस्थान में 20-20 किलोलीटर क्षमता के चार कंप्रेस्ड ऑक्सीजन एयर प्लांट स्वीकृत किए हैं। ये प्लांट जयपुर, जोधपुर, बीकानेर तथा अलवर के भिवाड़ी में लगाए जाएंगे।