scriptबाघों की बस्ती में बढ़ रहा भालुओं का कुनबा | Bear's clan growing in tiger settlement | Patrika News

बाघों की बस्ती में बढ़ रहा भालुओं का कुनबा

locationजयपुरPublished: Nov 24, 2019 12:54:35 am

Submitted by:

vinod

देश और दुनिया में रणथंभौर नेशनल पार्क (Ranthambore National Park) को बाघों (tigers) के लिए जाना जाता है, लेकिन अब यहां ना सिर्फ बाघ बल्कि भालू (Bear) भी पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र बनते जा रहे हैं। यहां कभी भालुओं की प्रजाति लुप्त होने के कगार पर थी, लेकिन अब इनकी संख्या में इजाफा हो रहा है।

बाघों की बस्ती में बढ़ रहा भालुओं का कुनबा

बाघों की बस्ती में बढ़ रहा भालुओं का कुनबा

रणथंभौर नेशनल पार्क : शिकार पर अंकुश और ग्रासलैंड में इजाफे से बढ़ी संख्या
सवाईमाधोपुर। देश और दुनिया में रणथंभौर नेशनल पार्क (Ranthambore National Park) को बाघों (tigers) के लिए जाना जाता है, लेकिन अब यहां ना सिर्फ बाघ बल्कि भालू (Bear) भी पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र बनते जा रहे हैं। यहां कभी भालुओं की प्रजाति लुप्त होने के कगार पर थी, लेकिन अब इनकी संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। इससे वन्यजीव प्रेमियों में खुशी है।
इस कारण से हो रही बढ़ोतरी
वन्यजीव विशेषज्ञों व वन अधिकारियों की मानें तो रणथंभौर में ग्रास लैंड विकसित होने के कारण भालुओं की संख्या में इजाफा हो रहा है। इसके अलावा रणथंभौर में भालुओं की संख्या बढऩे का कारण शिकार पर अंकुश लगना भी है। 2003-2004 के आसपास भालुओं का शिकार अधिक होने के कारण ये लुप्त होने के कगार पर थे, लेकिन अब फिर से इनकी संख्या में इजाफा हो रहा है।
अच्छा मानसून भी बना वरदान
इसके अलावा मानसून अच्छा रहने के कारण भी भालुओं की संख्या में वृद्धि हो रही है। बारिश का काल भालुओं का प्रजनन काल होता है। साथ ही, वनस्पति भी बढ़ जाती है। जंगल के हरा-भरा होने से भालू को आसानी से भोजन उपलब्ध हो जाता है।
इन क्षेत्रों में हो रही अधिक साइटिंग
रणथंभौर राष्ट्रीय उद्यान में बाघों की संख्या में इजाफा होने के साथ ही भालू के दीदार भी पर्यटकों को अधिक होने लगे हैं। इन दिनों रणथंभौर के बाहरी जोन छह, आठ, नौ, दस व जोन नंबर एक में पर्यटकों को बाघों की साइटिंग अधिक हो रही है।
इनका कहना है
रणथंभौर में भालुओं की संख्या में इजाफा हो रहा है। कई सालों से अच्छी बारिश होने से रणथंभौर का ग्रास लैंड विकसित हुआ है। साथ ही, शिकार पर पाबंदी होने से भी भालुओं की संख्या बढ़ी है।
– मुकेश सैनी, उपवन संरक्षक, रणथंभौर बाघ परियोजना, सवाईमाधोपुर

यह हैं भालुओं की स्थिति
वर्ष भालुओं की संख्या
2013- 50
2014- 55
2015- 60
2016- 63
2017- 70
2018- 75
2019- 82

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो