वन्यजीव विशेषज्ञों व वन अधिकारियों की मानें तो रणथंभौर में ग्रास लैंड विकसित होने के कारण भालुओं की संख्या में इजाफा हो रहा है। इसके अलावा रणथंभौर में भालुओं की संख्या बढऩे का कारण शिकार पर अंकुश लगना भी है। 2003-2004 के आसपास भालुओं का शिकार अधिक होने के कारण ये लुप्त होने के कगार पर थे, लेकिन अब फिर से इनकी संख्या में इजाफा हो रहा है।
इसके अलावा मानसून अच्छा रहने के कारण भी भालुओं की संख्या में वृद्धि हो रही है। बारिश का काल भालुओं का प्रजनन काल होता है। साथ ही, वनस्पति भी बढ़ जाती है। जंगल के हरा-भरा होने से भालू को आसानी से भोजन उपलब्ध हो जाता है।
इन क्षेत्रों में हो रही अधिक साइटिंग
रणथंभौर राष्ट्रीय उद्यान में बाघों की संख्या में इजाफा होने के साथ ही भालू के दीदार भी पर्यटकों को अधिक होने लगे हैं। इन दिनों रणथंभौर के बाहरी जोन छह, आठ, नौ, दस व जोन नंबर एक में पर्यटकों को बाघों की साइटिंग अधिक हो रही है।
रणथंभौर में भालुओं की संख्या में इजाफा हो रहा है। कई सालों से अच्छी बारिश होने से रणथंभौर का ग्रास लैंड विकसित हुआ है। साथ ही, शिकार पर पाबंदी होने से भी भालुओं की संख्या बढ़ी है।
वर्ष भालुओं की संख्या
2013- 50
2014- 55
2015- 60
2016- 63
2017- 70
2018- 75
2019- 82