आरोपी ने बताया कि उसने पहले डंडे से महाबुद्दीन को बेहोश किया और फिर फावड़े से दोनों हाथ, दोनों पैरों को काटकर अलग करते हुए धड़ और सिर को भी काटकर अलग कर दिया। कंचनपुर पुलिस ने रिमांड के दौरान आरोपी से पूछताछ में हत्या के पूरे मामले की जानकारी ली है। पुलिस ने मौका स्थल पर जाकर जिस हथियार से हत्या की गई उसे बरामद कर लिया है। रिमांड पूरा होने पर आरोपी को शुक्रवार को कोर्ट में पेश किया। जहां से उसे जेल भेज दिया गया है। घटना में आरोपी महेशदास के अलावा किसी अन्य लोगों के शामिल होने भी आशंका पुलिस ने जताई है।
यह था मामला
21 दिसंबर बुधवार को चामड़ माता मंदिर के पुजारी भीमगढ़ निवासी भावुउद्दीन उर्फ महाबुद्दीन पुत्र शेरखान का कटा हुआ शव नदी किनारे 2 कट्टों में पड़ा मिला था। जिसका सिर गायब था। मामले में पास स्थित गुफा में रहने वाले बाबा महेशदास के साथ केशव दास और सियाराम पर शक था, जो वारदात स्थल से गायब थे। आरोपित महेश दास को पुलिस ने 26 दिसंबर को मथुरा बस स्टैंड से गिरफ्तार कर लिया। 27 दिसंबर को चामड़ माता मंदिर के पीछे एक खाई में कटा हुआ सिर मिला, जिसे डीएनए जांच के लिए भेजा गया है।
हत्यारे को था अपनी ही हत्या का डर
महेशदास ने पुलिस को बताया कि महाबुद्दीन अपने पास हमेशा एक कुल्हाड़ी रखता था। उसने झगड़े के दौरान उस पर तीन बार हमला किया था, लेकिन वह बच गया। ऐसे में उसे लगने लगा कि महाबुद्दीन उसे मार देगा। इसीलिए उसने महाबुद्दीन को पहले डंडा मारकर अचेत कर दिया और फिर शव को ठिकाने लगाने के लिए टीले पर ले गया। जहां फावड़े से दोनों हाथ, दोनों पैरों को काटकर अलग करते हुए धड़ और सिर को भी काट दिया।