scriptअस्पताल में शव रखने के लिए कम पड़ गए बेड | Beds reduced to keep dead bodies in hospital | Patrika News

अस्पताल में शव रखने के लिए कम पड़ गए बेड

locationजयपुरPublished: Feb 27, 2020 05:08:04 pm

Submitted by:

jagdish paraliya

बूंदी बस हादसा: एक ही बेड पर दो-तीन शवों को रखना पड़ा

Beds reduced to keep dead bodies in hospital

Bundi bus accident: two-three dead bodies had to be kept on the same bed

चिकित्साकर्मी भी इतने शव एक साथ देखकर सहम गए
बूंदी. मेज नदी में हादसे के बाद घायलों और शवों को पहले लाखेरी सामुदायिक चिकित्सालय ले जाया गया। घनी आबादी के बीच से गुजर कर इतने शव एक साथ अस्पताल पहुंचे तो रास्ते में हर कोई चौंक गया। एक के बाद एक करके २४ शव चिकित्सालय में लाए गए। अस्पताल में शवों को रखने के लिए बेड कम पड़ गए। बाद में एक ही बेड पर दो-तीन शवों को रखना पड़ा। चिकित्साकर्मी भी इतने शव एक साथ देखकर सहम गए। बड़ी संख्या में लाखेरी व आस-पास के लोग चिकित्सालय पहुंच गए।
आमतौर पर दुर्घटनाओं के बाद लोगों को मोबाइल पर वीडियो बनाते देखा जाता है। वहीं लाखेरी बस हादसे को जिसने देखा, वही नदी में बचाव के लिए कूदता दिखा। पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों के पहुंचने से पहले लोग नदी में कूद चुके थे। इसी का परिणाम रहा कि कुछ लोगों को बाहर निकाल लिया गया।
‘जांको राखे साइयां मार सके ना कोय
बस का स्टेयरिंग उलझते समय लगे जोरदार झटके से बस में सवार १३ साल की गन्नू खिड़की के रास्ते पुलिया पर गिर गई, उसे मामूली चोटें आई। हादसे के बाद गन्नू को देख लोगों के मुंह से निकल पड़ा ‘जांको राखे साइयां मार सके ना कोय।
अर्थियां ले जाने के लिए मुक्तिधाम तक ग्रीन कोरिडोर बनाया
कोटा. मेज नदी दुखान्तिका में 24 मृतकों के शव बुधवार दोपहर 3.30 बजे रिश्तेदार अशोक वर्मा के घर पर पहुंचे तो कोहराम मच गया। सफेद चादर में 24 शव देखकर हर किसी की आंखें नम हो गईं। त्रासदी देखकर लोग अपने आंसू रोक नहीं पाए। दो शवों का अंतिम संस्कार करने के लिए परिजन गांव ले गए। शेष 22 शवों का एक साथ किशोरपुरा मुक्तिधाम में दाह संस्कार किया। पुलिस-प्रशासन ने किशोरपुरा मुक्तिधाम में 22 अर्थियां एक साथ ले जाने के लिए जवाहर नगर से किशोरपुरा मुक्तिधाम तक करीब ४ किलोमीटर का ग्रीनकोरिडोर बनाया।
जयपुर से गई बारात
सवाईमाधोपुर निवासी प्रीति की शादी जयपुर के थड़ी मार्केट निवासी गोपालचंद के बेटे सतीश से हुई। बारात दोपहर करीब 12 बजे रवाना हुई। रास्ते में उन्हें हादसे की सूचना मिली। हर आंख नम थी। वैवाहिक समारोह सादगी से सम्पन्न हुआ।
एक फोन आया और सन्नाटा पसर गया
सवाईमाधोपुर. जिला मुख्यालय के पुराना शहर स्थित नीम चौकी निवासी रमेश देतवाल के घर आंगन में सुबह तक इकलौती बेटी की शादी की तैयारियों की धूम थी। सुबह करीब 11 बजे भात भरने की तैयारी की जा रही थी। रमेश ने कोटा में ससुराल वालों को सुबह आठ बजे फोन किया था। ससुराल वालों ने कहा था कि वे साढ़े 11 बजे तक समारोह स्थल पर पहुंच जाएंगे। सुबह करीब 11 बजे दुल्हन के बड़े पापा के मोबाइल पर एक फोन आया और विवाह समारोह स्थल व घर पर सन्नाटा सा पसर गया। परिजनों को लाखेरी में हुए हादसे का पता चल चुका था। महिलाओं को देर शाम तक कुछ नहीं बताया गया। रात करीब 11 बजे तक विवाह की सभी रस्में हुईं, लेकिन सब के चेहरों पर खामोशी और उदासी ही नजर आ रही थी।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो