बेडटाइम स्टोरीज एक पुरानी परंपरा है। हम सब अपने बड़ों से कहानियां सुनते हुए खुद बढ़े हुए हैं। एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी तक ज्ञान को पारित करने के लिए इनमें दंतकथाओं का उपयोग होता रहा है। कहानियों के आकर्षक और बुरे पात्रों के जरिए लोग सदियों से अपने बच्चों को सही और गलत का भेद समझाते आए हैं। इन्हीं कहानियां से उन्हें दुनिया की सीख दी जाती है। इसलिए दादी-नानी की कहानियां न केवल बच्चों के साथ आपके जुड़ाव को मजबूत करती है, बल्कि आप एक परंपरा को मजबूत भी करते हैं। एक ऐसी परम्परा, जिसमें सही जीवन जीने की सीख है।
एक बेड टाइम स्टोरी की जरूरत सिर्फ परी कथा को न मानें। बच्चे सिर्फ अपने माता-पिता, बुजुर्गों को बोलते हुए सुनना पसंद करते हैं और आप इस समय का उपयोग उन्हें अपने दिन के बारे में बताने के अवसर के रूप में कर सकते हैं।ै।
बच्चे की कल्पना अनंत है और आप उनकी तरह जिज्ञासु बनकर और सवाल-जवाब करते हुए बातों-बातों में दुनिया के बारे में उन्हें बहुत कुछ सिखा सकते हैं। एक राजकुमारी के व्यवहार से उन्हें शिष्टाचार सिखा सकते हैं।
मोबाइल फोन और स्क्रीन कभी भी किताब से पढ़ने और तस्वीरें साझा करने के लिए रिप्लेसमेंट नहीं हो सकती। वास्तविक संचार शरीर की सही भाषा और आंखों के संपर्क के विकास के लिए महत्वपूर्ण है क्योंकि बच्चे देखना सीखते हैं। कहानियां पढऩे वाले वयस्क उन्हें अपने वास्तविक रोल मॉडल जैसे दिखते हैं, जिसे बच्चे कॉपी कर सकते हैं। यह कुछ ऐसा है जो एक स्क्रीन आपके बच्चे को कभी नहीं दे सकती है, इसलिए उनके साथ वक्त गुजारिए और साथ में कहानियां पढिएं।
धीरे-धीरे और स्पष्ट रूप से बोलें जैसे कि आप भी कहानी के आश्चर्य से भरे हुए हैं। संचार के रूप में हाथ के इशारों का उपयोग करके कहानी बताएं ताकि यह केवल मौखिक न लगें। जितना संभव हो उतनी भावनाओं को प्रदर्शित करने के लिए अपने चेहरे का उपयोग करें क्योंकि यह अच्छा गैर-मौखिक संचार है। सस्पेंस बनाने के लिए पॉज का उपयोग करें। धीरे बोलें ताकि बच्चों को आपको सुनने के लिए बहुत ध्यान लगाना पड़े, अपनी आवाज से उन्हें चमत्कृत करने का प्रयास करें।
अगर आप कहानी सुनाने के लिए किसी पुस्तक का उपयोग करते हैं तो यह जरूर सुनिश्चित करें कि आपके बच्चे चित्रों को देख सकते हैं और उनके बारे में बात कर सकते हैं।
कहानी को हमेशा एक सुखद अंत के साथ समाप्त करें जहां हर कोई सुरक्षित है, यह सुनिश्चित करेगा कि आपके बच्चे खुश और बिना चिंता के सो जाएं। अंत डरावना या अधूरा नहीं होना चाहिए।