प्रदेश में नई आबकारी नीति लागू होने के साथ शराब और बीयर पर से सरचार्ज हटा दिया गया था। जिससे इनकी कीमत कम होने की संभावना थी। लेकिन विभाग की ओर से बढ़ोत्तरी किए जाने पर बीयर की कीमत में कोई परिवर्तन नहीं हुआ। वहीं अब तेज गर्मी में बीयर की अधिक मांग होने पर इसकी कीमत में वृद्धि की गई है।
रूस-यूक्रेन लड़ाई का प्रभाव बीयर की कीमत में वृद्धि का बड़ा कारण रूस और यूक्रेन युद्ध भी माना जा रहा है। रूस और यूक्रेन दोनों देश गेहूं और जौ के सबसे बड़े उत्पादक और निर्यातक देश हैं। बीयर में सबसे अधिक जौ का और फिर कुछ हद तक गेहूं का उपयोग किया जाता है। रूस और यूक्रेन के बीच चल रही लड़ाई के कारण जौ-गेहूं की आपूर्ति बाधित है। जिससे भी बीयर की लागत में वृद्धि हो गई है।
मार्च से जुलाई तक रिकॉर्ड बिक्री
राजस्थान में मार्च से जुलाई तक तेज गर्मी पड़ती है। इस समय प्रदेश में सबसे ज्यादा बीयर की खपत होती है। एक अनुमान के अनुसार इन महीनों में बीयर की 45 से 50 फीसदी बिक्री हो जाती है। वही इस बार गर्मी काफी तेज पड़ रही है। जिससे यह अनुमान लगाया जा रहा था कि इस बार बीयर की बिक्री रिकॉर्ड तोड़ेगी। इसके अलावा कोरोना काल के बाद इस वर्ष होटल, बार, रेस्त्रां आदि भी खुले हैं। बीयर की सबसे ज्यादा खपत यहीं दर्ज की जाती है।
राजस्थान में मार्च से जुलाई तक तेज गर्मी पड़ती है। इस समय प्रदेश में सबसे ज्यादा बीयर की खपत होती है। एक अनुमान के अनुसार इन महीनों में बीयर की 45 से 50 फीसदी बिक्री हो जाती है। वही इस बार गर्मी काफी तेज पड़ रही है। जिससे यह अनुमान लगाया जा रहा था कि इस बार बीयर की बिक्री रिकॉर्ड तोड़ेगी। इसके अलावा कोरोना काल के बाद इस वर्ष होटल, बार, रेस्त्रां आदि भी खुले हैं। बीयर की सबसे ज्यादा खपत यहीं दर्ज की जाती है।