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पुष्य नक्षत्र के शुभ संयोग में नववर्ष-2021 का आगाज, जानें राशिगत प्रभाव

locationजयपुरPublished: Dec 31, 2020 01:35:42 pm

Submitted by:

SAVITA VYAS

पहला दिन खरीद-फरोख्त के लिए रहेगा समृद्धिकारक

पुष्य नक्षत्र के शुभ संयोग में नववर्ष-2021 का आगाज, जानें राशिगत प्रभाव

पुष्य नक्षत्र के शुभ संयोग में नववर्ष-2021 का आगाज, जानें राशिगत प्रभाव

जयपुर। नववर्ष-2021 को शुरू होने में बस कुछ घंटे शेष हैं। लंबे समय बाद नववर्ष का आगाज मध्यरात्रि को गुरु-शुक्र पुष्य नक्षत्र के शुभ संयोग के साथ होगा। ज्योतिषविदों के मुताबिक नए साल के पहले दिन शुक्रवार को पुष्य नक्षत्र होना समृद्धिदायक रहेगा। शुक्रवार को दिनभर पुष्य नक्षत्र होने से खरीदारी के लिए अच्छा रहेगा। इसके साथ ही भगवान गणेश के मंदिरों में प्रथम पूज्य का पंचामृत अभिषेक कर नवीन पोशाक धारण करवाई जाएगी। साथ ही मनोहारी झांकी सजाई जाएगी। ज्योतिषाचार्य पं.घनश्याम लाल स्वर्णकार ने बताया कि शुक्रवार को पुष्य नक्षत्र के साथ ही बुधादित्य योग का संयोग भी रहेगा। पुष्य नक्षत्र योग आज शाम 7.49 बजे से शुक्रवार को रात 8.15 बजे तक रहेगा। गुरु और शुक्रवार पुष्य का संयोग खरीद-फरोख्त के लिए बहुत समृद्धिदायी रहेगा। आगामी समय सभी राशि के जातकों के लिए नववर्ष में सुखद परिणामों के रूप में दिखाई देगा।
यह रहेगा राशियों पर प्रभाव

शनि देव मेष राशि के दशम भाव में विराजमान रहेंगे। कार्यक्षेत्र में सफलता पाने के लिए मेहनत करनी होगी। कर्क राशि के जातकों को करियर में रफ्तार लाने का मौका मिलेगा। व्यापारियों के लिए यह वर्ष निवेश के लिए सफल रहने वाला है। तुला राशि के जातकों की आर्थिक स्थिति पहले से बेहतर होगी। मकर राशि के जातकों को मेहनत के अनुसार अच्छे फल प्राप्त होंगे। व्यापारियों के लिए भी यह साल विशेष शुभ रहने वाला है। वृषभ राशि के जातकों को भाग्य का साथ मिलेगा। पदोन्नति और प्रगति होगी। सिंह राशि के जातकों को शिक्षा में बेहतर उपलब्धि हासिल होगी, व्यापार बेहतर होगा। वृश्चिक राशि के जातकों को व्यापारिक क्षेत्र में नुकसान के आसार, व्यवसाय पर खास ध्यान देने की जरूरत रहेगी। कुंभ, मिथुन, कन्या, धनु व मीन आदि राशि के जातकों को विशेष सतर्क रहने की जरूरत रहेगी। कार्यक्षेत्र में मेहनत के दम पर ही सफलता मिलेगी। कई नए आयाम भी स्थापित करेंगे।
पौष महीना भी आज से शुरू
आज से हिंदू कैलेंडर के दसवें महीने पौष मास की शुरुआत हो चुकी है। शास्त्रानुसार इस महीने में खरमास खत्म होने के साथ मकर संक्रांति से सूर्य उत्तर की ओर बढऩे लगेंगे। पौष महीने में भगवान को गरमा-गरम पकौड़े और हलवे का भोग लगाया जाएगा। साथ ही प्रसादी का दौर शुरू होगा। कोरोना महामारी के बीच पंगत प्रसादी इस बार नहीं होगी।
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