script…देर आए दुरुस्त आए | Better late than never | Patrika News

…देर आए दुरुस्त आए

locationजयपुरPublished: Jan 17, 2020 08:50:02 pm

Submitted by:

Prakash Kumawat

जयपुर के जगतपुरा में पाक विस्थापितों को जमीन आवंटित करने के राज्य सरकार के निर्णय को भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया ने स्वागत योग्य बताते हुए कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का यह निर्णय , देर आए दुरुस्त आए वाला है। उन्होंने कहा कि सरकार को सद्बुद्धि आई है और अपनी गलती को सुधारा है।

Better late than never
जयपुर
जयपुर के जगतपुरा में पाक विस्थापितों को जमीन आवंटित करने के राज्य सरकार के निर्णय को भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया ने स्वागत योग्य बताते हुए कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का यह निर्णय , देर आए दुरुस्त आए वाला है। उन्होंने कहा कि सरकार को सद्बुद्धि आई है और अपनी गलती को सुधारा है।
भाजपा प्रदेशाध्यक्ष पूनिया ने एक बयान में कहा कि भाजपा द्वारा प्रदेश भर में चलाए जा रहे नागरिकता संशोधन कानून के पक्ष में जन जागरण अभियान को प्रदेश की जनता ने भरपूर सहयोग दिया है। उसको देखते हुए जयपुर में पाक विस्थापितों को भूमि आवंटन का फैसला अच्छा निर्णय है। किन्तु अब मुख्यमंत्री गहलोत स्पष्ट करें कि राजनीतिक मजबूरियों के चलते उन्होंने नागरिकता संशोधन कानून का विरोध किया, इसके विरोध में उन्होंने शांति मार्च निकाला, जिसके कारण पाक विस्थापितों में यह भ्रम फैल गया कि कांग्रेस सरकार उनके हितों की रक्षा नहीं करेगी और ना ही वह उन्हें नागरिकता देगी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार से हमारी मांग है कि वह शेष पाक विस्थापितों में यह संदेश दे कि वे उनको भारत की नागरिकता प्रदान करेगी और केंद्र सरकार के कानून को यथावत रूप से प्रदेश में लागू करेगी।
पूनियां ने कहा कि मुख्यमंत्री गहलोत नागरिकता संशोधन कानून का विरोध करके मीडिया माइलेज ले रहे हैं। वे जनता के बीच में अपना एक धर्मनिरपेक्ष चेहरा स्थापित करने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन साथ ही साथ पाक विस्थापितों के अरमानों पर पानी भी फेरते हुए दिख रहे हैं, जब यह चुनौती देते हैं कि राजस्थान में नागरिकता संशोधन कानून लागू नहीं होगा।
जयपुर विकास प्राधिकरण ने ऐसे 100 पाक विस्थापितों को जयपुर के जगतपुरा में बसाई खुसर योजना में जोन नंबर 9 में जमीन आवंटित की है। मुख्यमंत्री गहलोत को स्पष्ट करना चाहिए कि वे सीएए के खिलाफ हैं या समर्थन में? उन हजारों विस्थापितों का क्या होगा, जो मुख्यमंत्री की धमकी के सामने बेबस नजर आते हैं। यह भी स्पष्ट करें कि वे पाक विस्थापितों को नागरिकता देंगे या नहीं।
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