जयपुर

जयपुर 40 किमी तक फैला, बेहतर इलाज 10 किमी दायरे में सीमित

शहर अब 40 किलोमीटर से भी ज्यादा दायरे में फैला है, लेकिन बेहतर चिकित्सा सेवाएं सिर्फ 8 किमी दायरे में सिमटी हुई हैं।

जयपुरAug 23, 2017 / 07:39 am

Abhishek Pareek

विकास जैन/जयपुर। राजधानी का विस्तार लगातार हो रहा है। कभी परकोटे और आसपास की कुुछ कॉलोनियों तक सीमित रहा शहर अब 40 किलोमीटर से भी ज्यादा दायरे में फैला है, लेकिन बेहतर चिकित्सा सेवाएं सिर्फ 8 किमी दायरे में सिमटी हुई हैं। ऐसे में शेष इलाकों के लोगों को बेहतर इलाज के लिए दौड़ लगानी पड़ रही है। चिकित्सा सेवाओं के विस्तार के मामले में 50 साल पहले जो इलाके सबसे मजबूत थे, उनकी स्थिति आज भी अच्छी है। शहर में मौजूद कुल सरकारी और गैर सरकारी अस्पतालों में से आधे से ज्यादा अस्पताल टोंक रोड, राजापार्क और सोडाला और मालवीय नगर इलाके में हैं। करीब 8 से 10 किलोमीटर के दायरे में फैले इन इलाकों में करीब 35 छोटे-बड़े निजी अस्पताल हैं। इनमें 6850 पलंग की सुविधा है। इसके अलावा 30 किमी दायरे में फैले शहर के वैशाली नगर, झोटवाड़ा, मानसरोवर, सांगानेर और परकोटा में भी करीब इतने ही अस्पताल और पलंग हैं। यहां भी लगभग 7 हजार पंलग की उपलब्धता है।
यह है स्थिति
70 छोटे-बड़े निजी अस्पताल हैं शहर में
13600 पंलग हैं इन अस्पतालों में
08 किमी दायरे में सीमित हैं आधे से ज्यादा

राहत की योजनाएं बनी मगर उम्मीदों पर फिरता गया पानी

विद्याधर नगर, सीकर रोड
करीब 15 साल पहले सीकर रोड पर ट्रोमा सेंटर बनाने का काम शुरू हुआ। यह इस रोड और इलाके में दुर्घटना में घायल हुए लोगों के लिए महत्वपूर्ण अस्पताल साबित होने वाला था, लेकिन ऐनवक्त पर ट्रोमा सेंटर की जरूरत खारिज कर दी गई।
झोटवाड़ा, वैशालीनगर
करीब ढाई दशक पहले झोटवाड़ा में सेटेलाइट अस्पताल की कवायद शुरू हुई लेकिन आज तक सिरे नहीं चढ़ पाई। जबकि इस इलाके में एक भी बड़ा सरकारी अस्पताल नहीं है। लोगों को 15 से 20 किलोमीटर दूरी में भारी यातायात पार कर एसएमएस अस्पताल पहुंचना पड़ता है। जबकि करीब ढाई दशक पहले यहां सेटेलाइट अस्पताल के शिलान्यास का बोर्ड टांगा गया था।
मानसरोवर
मानसरोवर सहित सांगानेर व आसपास के लोगों की सुविधा के लिए सरकार ने सेठी कॉलोनी में चिकित्सा शिक्षा विभाग की बेशकीमती जमीन बेचकर शिप्रापथ पर मानस आरोग्य सदन अस्पताल बनाया था। इसे एसएमएस कॉलेज से संबंद्ध किया जाना था लेकिन संसाधनों की कमी बता जनता की उम्मीदों पर पानी फेर दिया गया।
265 पर 1 अस्पताल
35-36 लाख की आबादी वाले जयपुर में 70 प्रमुख अस्पतालों में से 265 की आबादी पर 1 अस्पताल है। यह राष्ट्रीय औसत से अच्छा है। राष्ट्रीय औसत 10 हजार आबादी पर 1 है, महानगर व बड़े शहरों के लिहाज से 300 से 500 की आबादी पर ही प्रमुख अस्पताल का औसत आता है।
मजबूत इलाकों में 175 का औसत
टोंक रोड, राजापार्क, मालवीय नगर और सोडाला, सी-स्कीम में बेहतर चिकित्सा सेवाओं वाले निजी अस्पताल मौजूद हैं। यहां करीब 6800 पलंग हैं। इन इलाकों की आबादी करीब 12 लाख है। ऐसे में औसतन 175 लोगों पर एक अस्पताल है।
मानसरोवर, सांगानेर, वैशाली, झोटवाड़ा पिछड़े
बेहतर अस्पतालों की उपलब्धता के मामले में सबसे पिछड़े इलाकों में वैशाली नगर, झोटवाड़ा, सांगानेर और मानसरोवर शामिल हैं। जबकि यहां करीब 12 लाख लोग रह रहे हैं। इन इलाकों में 3 हजार पलंग की सुविधा वाले करीब 18 निजी व सरकारी अस्पताल हैं। यहां औसतन 400 लोगों पर एक अस्पताल है। करीब 12 लाख की आबादी वाले परकोटा और विद्याधर नगर इलाके में भी 400 की आबादी पर एक अस्पताल है।

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