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क्या आपको भी लगता है कि आपका वाइ-फाइ पासवर्ड खतरे में है? तो पढ़ें यह खबर…

locationजयपुरPublished: Oct 10, 2018 12:41:53 pm

Submitted by:

Mridula Sharma

शहर में कई यूजर्स के वाइ-फाइ पासवर्ड पर हैकर्स का कब्जा

jaipur

क्या आपको भी लगता है कि आपका वाइ-फाइ पासवर्ड खतरे में है? तो पढ़ें यह खबर…

अविनाश बाकोलिया/जयपुर. क्या आपको आशंका है कि आपके वाइ-फाइ का पासवर्ड क्रेक हो गया है या क्रेक हो सकता है, तो यह खबर पढऩा आपके लिए बहुत जरूरी है। क्योंकि जरा सी असावधानी के कारण लोगों का वाइ-फाइ पासवर्ड क्रेक हो रहा है। कई लोग दूसरों का वाइ-फाइ क्रेक करने के लालच में वेबसाइटों या प्लेस्टोर से ऐसे सॉफ्टवेयर और पासवर्ड क्रेकर ऐप डाउनलोड कर रहे हैं, जो सीधे हैकर्स के निशाने पर हैं। इन्हें इंस्टॉल कर खुद हैकर्स के चंगुल में फंस रहे हैं।
साइबर विशेषज्ञों के अनुसार हैकर्स ऐसे ऐप बनाकर विभिन्न वेब पोर्टल पर अपलोड कर रहे हैं। साइबर क्राइम इंवेस्टिगेटर मुकेश लोदी ने जयपुर शहर में बड़ी संख्या में लोग ऐसे हैं, जिनका वाइफाइ पासवर्ड हैकर्स के पास है या खतरे की स्थिति में है। विभिन्न क्षेत्रों में अध्ययन के आधार पर उन्होंने बताया कि यूजर दूसरे का वाइफाइ पासवर्ड क्रेक करने के चक्कर में विभिन्न ऐप डाउनलोड कर यूज करता है लेकिन दूसरे का पासवर्ड पाने की बजाय खुद का पासवर्ड दे बैठता है। उसे पता ही नहीं चल पाता कि वह ऐप उसी का वाइफाइ पासवर्ड हैकर्स के डाटाबेस में पहुंचा रहा है।
पासवर्ड में यह रखें ध्यान
ऐसे पासवर्ड न बनाएं : मोबाइल नंबर, नाम, जन्मतिथि, नजदीकी व्यक्ति के नाम, जीरो टू नाइन को पासवर्ड न बनाएं। ऐसे पासवर्ड आसानी से हैक कर लिए जाते हैं।

16 कैरेक्टर्स का हो: स्ट्रॉन्ग हो, जिसका अनुमान नहीं लगाया जा सके। उसमें स्मॉल लेटर, कैपिटल लेटर, नम्बर्स, सिम्बल्स, स्पेस अवश्य होना चाहिए। पासवर्ड 16 कैरेक्टर्स का होना चाहिए, यह 256 बीट अनब्रेकेबल होता है।
पॉपअप क्लिक न करें
कम्प्यूटर पर काम करते समय कई बार विज्ञापन जैसा पॉपअप आ जाता है। उसे कभी भी न तो यस पर क्लिक करें, न ही नो पर। ऐसा करने पर आपके कम्प्यूटर की सभी सूचनाएं हैकर्स के पास जा सकती हैं। हैकर आपके कम्प्यूटर को कंट्रोल कर सकता है। इस स्थिति में इंटरनेट कनेक्शन बन्द कर देना चाहिए।
यों करें बचाव
– लगे कि आपका वाइफाइ पासवर्ड किसी अन्य के पास पहुंच गया है तो अपने राउटर/मोडेम को रीसेट करें।
– कोई भी ऐप हो, उसे अधिकृत वेबपोर्टल से ही डाउनलोड करें।
– कोई भी ऐप डाउनलोड करने से पहले डिस्क्रिप्शन मे लोगों के व्यूज जान लें।
– वाइ-फाइ क्रेकर, मेप, फिश एवं वाइ-फाइ हैक जैसे ऐप से दूर रहें।
कहीं ओपन, तो कहीं सिम्पल पासवर्ड मिले
जयपुर में वाइ-फाइ सिक्योरिटी का हाल जाना तो स्थिति सामने आई कि टोंक रोड, प्रतापनगर, महावीर नगर, सांगानेर, मानसरोवर, सीताबाड़ी, तारों की कूट, बी-टू-बाइपास, सांगानेर, मालवीय नगर, अजमेर रोड, जवाहर नगर, श्याम नगर आदि जगहों पर ज्यादातर यूजर्स ने अपने वाइ-फाइ इंटरनेट पासवर्ड सिम्पल – मोबाइल नंबर, नाम, जन्मतिथि, जीरो टू नाइन नम्बर्स डाले हुए हैं, तो कई जगह ओपन पासवर्ड रखा हुआ है। जिन्हें आसानी से हैक किया जा सकता है। इनमें सरकारी कार्यालय भी शामिल हैं, जिन्होंने ओपन पासवर्ड रखा हुआ है।
एक बार गया तो गया
साइबर विशेषज्ञों का कहना है कि किसी यूजर का पासवर्ड एक बार हैकर्स के डेटाबेस में पहुंच गया तो वाइ-फाइ का पासवर्ड कितना भी बदल लो, वह हूबहू हैकर्स के डाटाबेस में अपडेट हो जाएगा।
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