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कहीं आपको तो लुभावने ऑफर लिंक नहीं आ रहे, अगर आ रहे हैं तो हो जाइए सावधान

locationजयपुरPublished: Sep 12, 2018 11:18:16 am

Submitted by:

Mridula Sharma

लुभावने मैसेज से राजधानी में रोजाना फंस रहे 9 से 10 लोग

jaipur

कहीं आपको तो लुभावने ऑफर लिंक नहीं आ रहे, अगर आ रहे हैं तो हो जाइए सावधान

जयपुर. कहीं आपके वॉट्सऐप, फेसबुक, इंस्टाग्राम और ई-मेल पर भी तो लुभावने ऑफर लिंक नहीं आ रहे। अगर आ रहे हैं तो सावधान हो जाए। इस तरह के लिंक सीधे आपके बैंक अकाउंट पर सेंध मारने के लिए है। आजकल हैकर्स बैंक खातों से पैसा चुराने के लिए नए-नए तरीके आजमा रहे हैं। इनमें से ही एक है कार्डिंग। कार्डिंग में हैकर्स डेबिट-क्रेडिट कार्ड की जानकारी पूछकर लोगों के खाते से पैसे निकाल रहे हैं। साइबर एक्सपर्ट की मानें, तो रोजाना करीब 9 से 10 लोग कार्डिंग के जाल में फंस रहे हैं। साथ ही लोगों के कार्ड की इंफॉर्मेशन चुराकर डार्क मार्केट और वेब की दुनिया में बेची जा रही है। कार्डिंग के जरिए 12-13 साल पहले पहली बार अमरीका में इस काम को हैकर्स ने अंजाम दिया था, जो अब भारत में लेटेस्ट साइबर ग्राउंड बना हुआ है।
कार्डिंग के जरिए ऐसे फंसाते हैं शिकार
– हैकर यूजर के किसी प्लेटफार्म वॉट्सएप, फेसबुक, इंस्टाग्राम या ईमेल पर स्मार्टफोन का लुभावना लिंक मैसेज करता है। इसमें स्मार्टफोन सिर्फ दो हजार, तीन हजार मेंं देने की बात करता है और प्रोडक्ट का फोटो भी सेंड करता है। मैसेज में तुरंत खरीदने की बात होती है। ऑफर सीमित समय के लिए होता है। प्रोसेस में हैकर अपना बैंक अकाउंट नहीं देकर पेटीएम में पैसे डालने को कहता है। पैसे डालते ही आपको फेक डिस्पेच नंबर भी देता है, लेकिन फोन कभी नहीं आता है।
– हैकर किसी एक प्लेटफार्म पर यूजर को फोटो सहित एक लिंक सेंड करता है, जिसमें लिखा होता ये प्रोडक्ट आज भारी डिस्काउंट पर पा सकते हैं। जैसे 25 हजार का आईफोन सिर्फ 2000 में और आप डेबिट कार्ड की जगह के्रडिट कार्ड से लेंगे तो सिर्फ 1000 में या 500 में मिल जाएगा। यूजर इस लालच में आ जाता है और अपने डेबिट कार्ड और क्रेडिट कार्ड की इंफॉर्मेंशन उनके प्लेटफार्म पर दे बैठते हैं। इंफॉर्मेशन मिलने के बाद आसानी से खाते से पैसे निकाले जाते हैं।
केस-1
इमली फाटक निवासी अरशद खान के पास एक वेबसाइट पर आइफोन सहित लिंक बनाकर भेजा गया, जिसकी कीमत 70 से 75 हजार बताई गई। इसे कार्डिंग के जरिए अरशद को यह प्रोडक्ट मात्र 25 हजार रुपए में देने का ऑफर दिया गया। अरशद ने फोन पर कहा कि वह स्टूडेंट है और डिस्काउंट चाहता है तो दोबारा फोन आया कि 15 हजार में यह फोन आपको मिल सकता है। हैकर ने अपना पेटीएम नंबर दिया और पैसे तुरंत डालने को कहा। अरशद झांसे में आ गया लेकिन आज तक फोन डिस्पेच नहीं हुआ। हैकर का फोन बंद आ रहा है।
केस-2
शुभम शर्मा के पास एक लुभावना मैसेज उसके ई-मेल पर आया। मेल में लिखा था कि आपको अच्छी जॉब की तलाश है, तो आपके लिए हमने अच्छी जॉब सर्च किए हैं। आपको रजिस्ट्रेशन के लिए एक हजार रुपए डेबिट कार्ड से हमें ट्रांसफर करने होंगे। लिंक में शुभम से कार्ड नंबर, एक्सपायरी डेट और सीवीवी नंबर पूछा गया। शुभम ने कार्ड की सारी डिटेल मेल कर दी। अगले दिन उसके अकाउंट से 53 हजार रुपए निकाल लिए गए।
केस-3
शास्त्रीनगर निवासी पवन शर्मा के पास भी ई-मेल के माध्यम से हैकर्स ने जॉब संबंधित एक लिंक भेजा। कहा कि 1100 रुपए का रजिस्ट्रेशन साइट पर कराना होगा। पवन ने रजिस्ट्रेशन करा दिया। फिर ई-मेल आया कि आपकी जॉब लग गई है आप 5 हजार रुपए जमा करा दीजिए, लेकिन क्रेडिट कार्ड से। उसने कार्ड से पैसे जमा करा दिए। इसके बाद अलग-अलग समय पवन के कार्ड से 50 हजार रुपए निकाल लिए गए। पवन ने साइबर एक्सपर्ट को बात बताई। एक्सपर्ट ने मोबाइल फोन नंबर और लिंक से आइपी एड्रेस ट्रेस किया तो खुलासा हुआ।
यों कर सकते हैं बचाव
यूजर्स अपने कार्ड अपडेट करवाएं।
किसी को भी अपना कार्ड न दे
ऑनलाइन के लालच में न पड़े।
किसी भी लिंक पर इंफॉर्मेंशन न दें।
सोशल साइट पर फेक ऑर्डर से बचें।

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