इन कमेटियों को देश के दूसरे राज्यों की निकायों के सिस्टम का भी अध्ययन करने और उसके अनुरूप अच्छे नियम, कानून और प्रणाली का लेखा-जोखा तैयार करके सरकार को 15 दिन में देने के लिए कहा है। स्वायत्त शासन निदेशालय के निदेशक कुमार पाल गौतम ने इस संबंध में आदेश जारी किए हैं।
कमेटी 1 – टैक्स व फीस
इसमें नगरीय विकास कर, विज्ञापन शुल्क, फायर एनओसी, विवाह पंजीयन, भवन निर्माण स्वीकृति, मोबाइल टॉवर सहित अन्य शुल्क व टैक्स शामिल है। इनके निर्धारण व संग्रहण की मौजूदा प्रक्रिया का सरलीकरण और उसे यूजर फ्रेंडली बनाया जाएगा। ताकि, आमजन की अपने टैक्स व शुल्क की गणना कर सकें।
कमेटी 2- ऑफलाइन-ऑनलाइन सेवा सरलीकरण
निकायों में ऑफलाइन और ऑनलाइन सेवाओं का सरलीकण करने के साथ-साथ टाइमबाउंड किया जाएगा। ज्यादातर सेवाओं को ऑनलाइन करने और उन सेवा को पूरा करने के समय में कमी लाई जाएगी। कमेटी 3- कोर्ट प्रकरणों का शीघ्र निस्तारण
विभिन्न न्यायालयों में हजारों प्रकरण लंबित हैं, जिनके कारण कहीं डवलपमेंट रुका हुआ है तो कहीं राजस्व वसूली अटकी है। ऐसे मामलों का शीघ्र निस्तारण, विवादों को रोकने को लेकर अनुशंसा की जाएगी।
कमेटी 4- कानून-नीति में संशोधन
निकायों के लिए कई कानून व नीति प्रभावी है और कई योजनाएं संचालित हैं। इनमें वर्तमान आवश्यकता अनुसार संशोधन व सुधार किया जाएगा। कमेटी 5- स्वच्छ भारत मिशन के लिए एसओपी
स्वच्छ भारत मिशन में भारत की रैंकिंग अच्छी नहीं है। मिशन के 2.0 के तहत नगरीय निकाय स्तर पर किए जाने वाले कार्यों की मॉनिटरिंग के लिए स्टेंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसिजर (एसओपी) तैयार करेंगे। कमेटी 6- पशुओं के नियंत्रण
शहरों में बेसहारा, आश्रयहीन पशुओं के नियंत्रण की समस्या के समाधान पर काम होगा। अभी हर शहर में सड़कों पर आवारा पशुओं का जमावड़ा रहता है।