प्राइवेट हॉस्पिटल्स एंड नर्सिंग होम्स सोसायटी के सचिव डॉ. विजय कपूर ने बताया कि बीस प्रतिशत अस्पताल एक माह पहले ही भामाशाह योजना के तहत उपचार बंद कर चुके हैं। यदि इस माह के अंत तक बकाया भुगतान नहीं हुआ तो बाकि के अस्पताल भी उपचार बंद कर देंगे। उन्होंने बताया कि न्यू इंडिया इंश्योरेंस कंपनी क्लेम दे रही थी। दो माह पहले कंपनी का टर्म पूरा हो गया था, तब सरकार ने बकाया भुगतान करने का आश्वासन इलाज नियमित करने को कहा था। लेकिन 13 दिसंबर 2019 के बाद भुगतान नहीं किया गया।
निजी और सरकारी अस्पतालों का करीब 50 करोड़ रुपए का क्लेम अटका हुआ है। अकेले एसएमएस अस्पताल का ही तीन से चार करोड़ रुपए का भुगतान नहीं हुआ है। इस वजह से अस्पतालों के सामने अपने स्टाफ को सैलरी देने और अन्य खर्च वहन करने का भी संकट खड़ा हो गया है। समय पर भुगतान नहीं होने के कारण कोई भी इंश्योरेंस कंपनी आगे आने को तैयार नहीं है।