मेघवाल ने सोमवार को राज्य स्तरीय विशेष योग्यजन सम्मान समारोह के बाद मीडिया से वार्ता में कहा कि विकलांगों को चुनाव में आरक्षण की जरूरत नहीं है। सरकारी सर्विस में आरक्षण एक अलग बात है। चुनाव इससे अलग है। चुनाव लडऩे का सभी को अधिकार है। इसलिए विकलांग चाहे तो वैसे ही चुनाव लड़ सकते हैं। पार्टी से टिकट लें और चुनाव लड़े। इसमें आरक्षण की कहां जरूरत है।
उधर, विकलांगों के लिए आरक्षण की मांग को लेकर लड़ाई लड़ रहे हेमन्त भाई गोयल ने मेघवाल के बयान के बाद कहा कि मंत्री का यह बयान निराशाजनक है। उन्हें शायद पूरे मुद्दे की जानकारी ही नहीं है।