कुटिया बन गई थी आईसीयू
जानकारी के अनुसार लंबे समय तक वेंटिलेटर पर रहने के बाद उन्हें कुछ दिन पहले ही हरिद्वार स्थित उनके आश्रम ले आया गया था। यहीं पर उनकी कुटीया को आईसीयू में तब्दील करके उनका इलाज चल रहा था। उनके दीर्घायु होने की कामना को लेकर धार्मिक अनुष्ठान भी किए जा रहे थे।
स्वामी गिरी का जन्म 19 सितंबर 1932 को आगरा में हुआ था। विश्व प्रसिद्ध भारत माता मंदिर के संस्थापक एवं पद्मभूषण से सम्मानित स्वामी सत्यमित्रानंद गिरि के निधन से संत-समाज में शोक की लहर दौड़ गई है। जूना अखाड़ा के महामंडलेश्वर आचार्य स्वामी अवधेशानंद गिरि ने कहा कि स्वामी सत्यमित्रानंद गिरि को उनके निवास स्थान राघव कुटीर में बुधवार को समाधि दी जाएगी।
मोदी , शाह ने सत्यमित्रानंद गिरि के निधन पर जताया शोक
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भारत माता मंदिर के संस्थापक निवृत्त शंकराचार्य स्वामी सत्यमित्रानंद गिरि के निधन पर मंगलवार को शोक व्यक्त करते हुए कहा कि उन्होंने अध्यात्म और ज्ञान को प्रतिष्ठित किया। पद्मभूषण स्वामी गिरि जी महाराज का आज सुबह हरिद्वार में निधन हो गया।
पीएम मोदी ने उन्हें नमन करते हुए ट्वीट किया,” स्वामी सत्यमित्रानंद गिरि जी ने अध्यात्म और ज्ञान को प्रतिष्ठित किया। उन्होंने गरीबों और दलितों के सशक्तीकरण के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया। उन्हें भारत के समृद्ध इतिहास और संस्कृति पर बहुत गर्व था। दिव्य आत्मा को मेरी श्रद्धांजलि। ओम शांति।”
वहीं केंद्रीय गृहमंत्री एवं भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष अमित शाह ने भी ट्वीट करके शोक व्यक्त किया। उन्होंने कहा, ”पद्मभूषण पूज्य गुरुदेव स्वामी सत्यमित्रानंद गिरि जी महाराज के निधन से अत्यंत दुखी हूं। वह ज्ञान, धर्म, आध्यात्म और सादगी के ऐसे प्रतीक थे जिन्होंने पूरे विश्व में सनातन संस्कृति की पताका फहराई। उन्होंने नर सेवा को नारायण सेवा मानकर अपना पूरा जीवन जनकल्याण को समर्पित कर दिया।”
शाह ने कहा ,”स्वामी सत्यमित्रानंद गिरि जी महाराज मां भारती के एक सच्चे उपासक थे। हरिद्वार का भारत माता मंदिर जिसका परिचायक है। उनके विचार, ज्ञान और दर्शन आने वाली पीढिय़ों को धर्म और राष्ट्र सेवा के लिए सदैव प्रेरित करते रहेंगे। मैं उनके अनुयायियों के प्रति संवेदना व्यक्त करता हूँ। ओम शांति।”