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प्रधानमंत्री जनसंवाद कार्यक्रम पर भारत वाहिनी का निशाना, कार्यक्रम को बताया ‘सभा घोटाला’

locationजयपुरPublished: Jul 13, 2018 05:19:31 pm

Submitted by:

Nidhi Mishra

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Bharat Vahini party attacked PM jansanwad program held in Jaipur

Bharat Vahini party attacked PM jansanwad program held in Jaipur

जयपुर। प्रधानमंत्री जनसंवाद कार्यक्रम में हुए खर्च को लेकर भारत वाहिनी पार्टी ने लोकायुक्त को ज्ञापन देकर इस पूरे मामले की जांच की मांग की है। वाहिनी का आरोप है कि यह प्रधानमंत्री जन संवाद नहीं, सभा घोटाला है। यह सरकारी कार्यक्रम ना होकर एक पार्टी का कार्यक्रम था, जिसमें सरकार के स्तर पर भारी वित्तीय अनियमितताएं हुईं।

अन्य दलों को कोसा गया
पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश तिवाड़ी की ओर से दिए गए ज्ञापन में बताया गया कि चुनाव को ध्यान में रखकर ही मंच पर भाषण दिए गए एवं अन्य दलों को कोसा गया। मंच पर किसी दल के नेता, पूर्व मुख्यमंत्री, पूर्व मंत्री, गणमान्य नागरिक एवं कोई राजकीय अधिकारी मौजूद नहीं था। केवल भाजपा के ही नेता उपस्थित थे, जबकि राजकीय कार्यक्रम में अधिकारी की उपस्थिति आवश्यक है। सारे अधिकारी एवं कर्मचारियों को पन्द्रह दिन से आयोजन की तैयारी में लगा दिया। इस वजह से जनता के आवश्यक कार्य ठप हो गए। इस सभा में घोर वित्तीय अनियमितता हुई एवं बिना बजट प्रावधान के आंख मूंद कर खर्चा किया गया।
जनसंवाद से ठीक पहले घनश्याम तिवाड़ी ने कार्यक्रम को घोटाला करार दिया
पीएम नरेंद्र मोदी के जयपुर में जनसंवाद कार्यक्रम से ठीक पहले भारत वाहिनी पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष एवं सांगानेर विधायक घनश्याम तिवाड़ी ने बड़ा खुलासा किया था। तिवाड़ी ने सात जुलाई को हुए प्रधानमंत्री लाभार्थी जनसंवाद कार्यक्रम की तुलना बिहार के चारा घोटाला से की थी। उन्होंने इस कार्यक्रम को प्रधानमंत्री यात्रा घोटाला करार दिया था। उन्होंने कार्यक्रम के बहिष्कार का आह्वान करते हुए कहा कि सरकार की ओर से खजाने की लूट का अनैतिक प्रयास है।
एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में तिवाड़ी ने कहा था कि प्रधानमंत्री के कार्यक्रम में भूमि पूजन भाजपा कार्यकर्ता करते हैं, कार्यक्रम स्थल पर भाजपा के झंडे और खर्च सरकारी खजाने से हो रहा है ऐसे में यह सरकारी कार्यक्रम कैसे हो गया। पहली बार प्रधानमंत्री अपने राजनीतिक उद्देश्यों की पूर्ति के लिए एवं भाषण के शौक को पूरा करने लिए लगभग 50 करोड़ से अधिक का खर्चा कर रहे हैं।
तिवाड़ी ने कहा था कि मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और केंद्रीय जल संसाधन मंत्री नितिन गडकरी दोनों मिलकर इस्टर्न कैनाल के नाम पर राजस्थान के लोगों को झांसा दे रहे हैं। गडकरी ने मुख्यमंत्री से कहा बताते कि इस प्रोजक्ट को मंत्री मंडल में लेकर जाएंगे। तिवाड़ी ने कहा कि कब तो इस प्रोजेक्ट को मंत्री मंडल में रखा जाएगा, कब उसे मंत्री मंडल में पास किया जाएगा और कब उस पर कार्य प्रारंभ होगा। इस बीच विधानसभा और लोकसभा के चुनाव भी प्रारंभ हो जाएंगे।
‘सरकारी पैसे के दुरूपयोग का सबसे बडा उदाहरण’: गहलोत
कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव अशोक गहलोत ने भी जयपुर में पीएम मोदी की सभा में लाभार्थियों के नाम पर भाजपा कार्यकर्ताओं की भीड़ जुटाने के लिए पैसा पानी की तरह बहाने का आरोप लगाते हुए कहा था कि सरकारी पैसे के दुरूपयोग का इससे बड़ा कोई उदाहरण नहीं हो सकता।
गहलोत के जारी बयान में कहा गया कि राजस्थान सरकार यूं तो पहले भी अपने कार्यकाल की वर्षगांठ मनाने के लिए सरकारी खर्च पर बड़ी सभाएं कर चुकी हैं। मगर इस बार तो सारी सीमाएं लांघी जा रही हैं। केन्द्र और राज्य सरकार ने ऐसा क्या कर दिया जो लाभार्थियों को बुलाने के नाम पर सरकारी धन का दुरूपयोग किया जा रहा है। आम जनता तो वादों के मुताबिक अच्छे दिनों को तरस रही है। गरीब किसान व मजदूर से लेकर हर वर्ग आज परेशान हैं और इन दोनों सरकारों को चुनाव में सबक सिखाने को बेताब हैं। सरकारी मशीनरी का खुलकर दुरूपयोग किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि जिला कलक्टरों को भीड़ जुटाने के निर्देश दिए गए हैं। आज भारी बहुमत के बावजूद अंहकार में डूबी भाजपा सरकार ने अब तक आमजन की सुध नहीं ली और अब चुनाव सिर पर हैं, तो चुनाव जीतने के लिए सरकारी धन खर्च कर प्रधानमंत्री को बुलाया जा रहा है। प्रदेश के लोग इस सरकार की हकीकत को समझ कर इनकी बिदाई का मन बना चुके हैं। अब चाहे जितनी सभाएं कर लें, किसी को भी बुला लें, लेकिन प्रदेशवासियों का मन बदलने वाला नहीं।

पायलट भी बोले- ‘लुटा रहे सरकारी धन’
कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष सचिन पायलट ने कहा कि राजनीतिक लाभ के लिए राज्य सरकार प्रधानमंत्री की सभा पर सरकारी धन लुटा रही है। सरकारी मशीनरी सभा की तैयारी में जुटी है, राज्य में कामकाज ठप हो गया है।
पायलट ने गुरुवार को जारी बयान में कहा, लाभार्थियों को लाने के लिए 5 हजार से ज्यादा सरकारी-निजी बसों का उपयोग कर करोड़ों रुपए व्यय किए जाएंगे। इन्हें बैग-पोशाक देने और रहने-खाने सहित अन्य व्यवस्थाओं पर जनता का पैसा पानी की तरह बहाया जा रहा है। यह संवाद कार्यक्रम कर सरकार जनता को याचक के रूप में दिखा रही है।
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