दरअसल, उचित मुआवजे की मांग को लेकर किसानों ने शुक्रवार को एक अहम बैठक की। इस बैठक में किसान नेताओ ने आंदोलन की चेतावनी दी है। टिब्बा क्षेत्र सँघर्ष समिति का कहना है कि भारतमाला योजना के तहत बन रहे एक्सप्रेस वे के लिए किसानों की भूमि अवाप्त की गई है। लेकिन अवाप्त हुई जमीनों का उचित मुआवजा किसानों को नहीं दिया जा रहा है। उचित मुआवजे की मांग को लेकर टिब्बा क्षेत्र के कालुसर गांव में किसानों की बैठक हुई।
संघर्ष समिति की यह मांग
टिब्बा क्षेत्र संघर्ष समिति के संयोजक राकेश बिश्नोई की अध्यक्षता में कालुसर चौपाल में क्षेत्र के किसानों की इस बैठक में भारत माला सड़क योजना के तहत बनने वाले एक्सप्रेस हाइवे के लिए अवाप्त की गई कालुसर, एटा और चाड़सर गांव के किसानों की जमीनों के मिलने वाले मुआवजे पर असंतोष जाहिर किया गया है।
इसलिए किसानों में नाराजगी
किसानों ने उचित मुआवजे की मांग की। समिति के पदाधिकारियों के मुताबिक केंद्र सरकार की इस योजना के तहत बनने वाली इस सड़क के लिए अवाप्त की गई भूमि का मुआवजा मात्र 68 हजार रुपए प्रतिबिघा के हिसाब से दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि कालुसर, एटा व चाडसर के किसानों की अवाप्त की गई भूमि में ट्यूबवेल से सिंचाई होती है। अवाप्त की गई भूमि का बाजार भाव करीब 3 लाख रुपये प्रति बीघा आंका जा रहा है। ऐसे में मात्र 68000 रुपए प्रतिबिघा के हिसाब से दिया जा रहा मुआवजा किसानों के साथ नाइंसाफी है। यह मुआवजा बाजार भाव से कई गुना कम है। किसानों का कहना है कि यदि उचित मुआवजा नहीं दिया जाएगा तो किसान सड़क निर्माण को रोक देंगे। बैठक में अखिल भरीय किसान सभा के जिला कमेटी सदस्य जसराम बुगालिया, जयवर्धन सिंह, रज्जीराम ज्याणी, मनीराम वर्मा, शेर अली खान, राजाराम गोदारा, गिरधारी राम बाबल, पूर्णाराम खोथ समेत अन्य किसान मौजूद रहे।