पुलिस महानिरीक्षक, पुर्नगठन, विनीता ठाकुर ने बताया कि अलवर के राष्ट्रीय राजधानी परियोजना (एनसीआर) में आ जाने और इसके हरियाणा, दिल्ली से सटे होने के कारण अलवर में अंतरराज्जीय गिरोह सक्रिय हो गए हैं। इसके अलावा जयपुर-दिल्ली राष्ट्रीय राजमार्ग और मेवात क्षेत्र में गौकशी के मामलों के मद्देनजर भी अलवर में बदमाशों की घुसपैठ बनी रहती है। यही वजह है कि अलवर जिले में वर्ष 2014 में 17 849 मुकदमे दर्ज हुए। इसी तहर वर्ष 2015 में 18181, 2016 में 17129, 2017 में 17405 और 2018 में 17440 मामले दर्ज किए गए। अलवर में अपराध के बढ़ते मामलों के मद्देनजर ही यह प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है।
नये जिले में कुल 743 पद होंगे
नये जिले में तिजारा को नया वृत बनाने का प्रस्ताव भी है। इसके अलावा भिवाड़ी, किशनगढ़बास, नीमराना और बहरोड सर्किल को नये जिले में शामिल किया जाएगा। नये जिले में पुलिस अधीक्षक का एक, एएसपी के दो, उप अधीक्षक के पांच और पुलिस निरीक्ष के आद सहित कुल 743 पद निर्धारित किए गए हैं। तिजारा में विश्व प्रसिद्ध जैन मंदिर होने के कारण भी नया वृत बनाने की मांग की गई है।
शीघ्र सरकार को भेजेंगे
अलवर में पुलिस का नया जिला बनाने के प्रस्ताव को अंतिम रूप दिया जा रहा है, जिसे शीघ्र ही राज्य सरकार के पास भजेंगे। कपिल गर्ग, पुलिस महानिदेशक, राजस्थान