यह है प्रोजेक्ट
1476 में से 300 करोड़ का हुआ काम 206 करोड़ रुपए 10 साल में खर्च होने हैं रखरखाव पर 44 करोड़ रुपए खर्च हुए जुलाई में 47 किलोमीटर लम्बाई है द्रव्यवती नदी की
1476 में से 300 करोड़ का हुआ काम 206 करोड़ रुपए 10 साल में खर्च होने हैं रखरखाव पर 44 करोड़ रुपए खर्च हुए जुलाई में 47 किलोमीटर लम्बाई है द्रव्यवती नदी की
15 अगस्त 2018 को उद्घाटन करना चाहती है सरकार 1476 करोड़ रुपए लागत से होना है सौन्दर्यकरण का काम अब बदलने होंगे पत्थर
मौजूदा डिजाइन के आधार पर अभी तक केवल वॉक-वे विकसित होना था। इसमें करौली या जोधपुरी पत्थर लगता लेकिन अब साइकिल ट्रैक के लिए दूसरे पत्थर या टाइल लगाई जाएंगी। इस पर लागत कुछ बढ़ सकती है।
मौजूदा डिजाइन के आधार पर अभी तक केवल वॉक-वे विकसित होना था। इसमें करौली या जोधपुरी पत्थर लगता लेकिन अब साइकिल ट्रैक के लिए दूसरे पत्थर या टाइल लगाई जाएंगी। इस पर लागत कुछ बढ़ सकती है।
किराए पर साइकिल देना भी प्रस्तावित
यहां किराए पर साइकिल उपलब्ध कराने पर भी विचार चल रहा है। इस पर चर्चा तो हुई लेकिन अंतिम निर्णय नहीं हो पाया। अभी स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत शहर में बायसाइकिल स्टेंड विकसित किए जा रहे हैं। इन साइकिलों को भी देखा जाएगा।
यहां किराए पर साइकिल उपलब्ध कराने पर भी विचार चल रहा है। इस पर चर्चा तो हुई लेकिन अंतिम निर्णय नहीं हो पाया। अभी स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत शहर में बायसाइकिल स्टेंड विकसित किए जा रहे हैं। इन साइकिलों को भी देखा जाएगा।
प्रोजेक्ट में यह भी है शामिल
टाउन स्क्वायर : व्यवसायिक गतिविधियों का संचालन, बड़े व्यापारियों व कंपनियों के लिए
कल्चरल प्लाजा : पर्यटकों की आवाजाही के आधार पर विकसित।
कॉमर्शियल पार्क : शॉपिंग, वर्कशॉप, एग्जीबिशन, कैफे, रेस्टोरेंट
फैशन स्ट्रीट : हैंगआउट इलाके की तर्ज पर सुविधाएं। कियोस्क रूप में दुकानें, कैफे व रेस्टोरेंट
इको पार्क : हरित तकनीक पर आधारित पार्क, जिनमें सौर ऊर्जा, जल प्रबंधन, ठोस अपशिष्ट प्रबंधन को बेहतर समझ सकेंगे
जॉगिंग पार्क : आवासीय इलाके से सटे पार्क में जॉगिंग ट्रेक होगा
सामुदायिक उद्यान : योग, संगीत के साथ सैर करने के लिए मीडियम क्षेत्रफल का उद्यान
नेचर ट्रेल : नदी से सटे हिस्से को इस तरह विकसित किया जाएगा
लोटिंग गार्डन : प्रोजेक्ट का एतिहासिक हिस्सा। अस्थाई उद्यान विकसित होगा।
टाउन स्क्वायर : व्यवसायिक गतिविधियों का संचालन, बड़े व्यापारियों व कंपनियों के लिए
कल्चरल प्लाजा : पर्यटकों की आवाजाही के आधार पर विकसित।
कॉमर्शियल पार्क : शॉपिंग, वर्कशॉप, एग्जीबिशन, कैफे, रेस्टोरेंट
फैशन स्ट्रीट : हैंगआउट इलाके की तर्ज पर सुविधाएं। कियोस्क रूप में दुकानें, कैफे व रेस्टोरेंट
इको पार्क : हरित तकनीक पर आधारित पार्क, जिनमें सौर ऊर्जा, जल प्रबंधन, ठोस अपशिष्ट प्रबंधन को बेहतर समझ सकेंगे
जॉगिंग पार्क : आवासीय इलाके से सटे पार्क में जॉगिंग ट्रेक होगा
सामुदायिक उद्यान : योग, संगीत के साथ सैर करने के लिए मीडियम क्षेत्रफल का उद्यान
नेचर ट्रेल : नदी से सटे हिस्से को इस तरह विकसित किया जाएगा
लोटिंग गार्डन : प्रोजेक्ट का एतिहासिक हिस्सा। अस्थाई उद्यान विकसित होगा।