धारीवाल से भिडंत के बाद की कार्यवाही स्थगित— इससे पहले राजस्थान की विधानसभा में कल अभूतपूर्व घटनाक्रम देखने को मिला। स्पीकर सी.पी.जोशी की संसदीय कार्यमंत्री शांति धारीवाल से तीखी नोंकझोंक हो गई। दरअसल सदन में विपक्ष का हंगामा शांत होने के बाद संसदीय कार्य मंत्री शांति धारीवाल भी अपनी बात कहना चाह रहे थे,लेकिन स्पीकर जोशी इसके लिए राजी नहीं थे और उन्होंने धारीवाल को बोलने की अनुमति नहीं दी, लेकिन धारीवाल नहीं माने और बोलते रहे।स्पीकर जोशी के बार बार टोकने के बावजूद धारीवाल नहीं माने तो नाराज स्पीकर ने विधानसभा की कार्यवाही को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर सदन से बाहर चले गए।
ऐसे हुआ सदन में हंगामा—
इससे पहले परिवहन मंत्री प्रतापसिंह खाचरियावास और नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया की बिल पर जवाब के दौरान भिंडत हो गई थी। सदन में हुए हंगामे के कारण दो बार विधानसभा की कार्यवाही स्थगित हो चुकी थी। खाचरियावास के जवाब से नाराज होकर विपक्ष हंगामा कर रहा था। इसके बाद स्पीकर जोशी सदन में आए और कहा कि आज अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस है हम सबको लोकतंत्र की मर्यादा का ध्यान रखना चाहिए। उन्होंने कहा कि सदन में परंपरा और लोकतंत्र की मर्यादाओं को निभाने की जिम्मेदारी सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों की है लेकिन आज जिस तरह बिल पर चर्चा और बहस हुई है उसे देख कर ऐसा लग रहा है कि अनुदान मांगों पर बहस चल रही हो। जोशी ने कहा कि बिल पर उससे जुड़े विषय पर ही बोलना चाहिए लेकिन विषय से अलग ही बोला गया जो सदन की गरिमा के खिलाफ है।
इससे पहले परिवहन मंत्री प्रतापसिंह खाचरियावास और नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया की बिल पर जवाब के दौरान भिंडत हो गई थी। सदन में हुए हंगामे के कारण दो बार विधानसभा की कार्यवाही स्थगित हो चुकी थी। खाचरियावास के जवाब से नाराज होकर विपक्ष हंगामा कर रहा था। इसके बाद स्पीकर जोशी सदन में आए और कहा कि आज अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस है हम सबको लोकतंत्र की मर्यादा का ध्यान रखना चाहिए। उन्होंने कहा कि सदन में परंपरा और लोकतंत्र की मर्यादाओं को निभाने की जिम्मेदारी सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों की है लेकिन आज जिस तरह बिल पर चर्चा और बहस हुई है उसे देख कर ऐसा लग रहा है कि अनुदान मांगों पर बहस चल रही हो। जोशी ने कहा कि बिल पर उससे जुड़े विषय पर ही बोलना चाहिए लेकिन विषय से अलग ही बोला गया जो सदन की गरिमा के खिलाफ है।
राठौड़ को नहीं बोलने दिया सत्ता पक्ष ने जोशी ने कहा कि पूर्व में जो कुछ हुआ उसे भूल कर अब मैं चाहूंगा कि आप सब शांति और नियमों के तहत बिल पर चर्चा करें तब जोशी ने राजस्थान विवाह अनिवार्य रजिस्ट्रीकरण संशोधन विधेयक 2021 पर चर्चा के लिए राजेन्द्र राठौड़ का नाम पुकारा लेकिन सत्ता पक्ष ने राठौड़ को बोलने नहीं दिया। संसदीय कार्य मंत्री शांति धारीवाल बोलना चाह रहे थे लेकिन जोशी ने उन्हें बोलने से मना कर दिया और कह दिया कि आप मुझे अध्यक्ष रखें तो ठीक वरना हटा दे मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता यह आपका अधिकार है लेकिन सदन की कार्यवाही में इस प्रकार का अपमान सहन नहीं होगा। इसके बावजूद धारीवाल बोलते रहे तो नाराज होकर सीपी जोशी ने विधानसभा की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी।बाद में पक्ष और विपक्ष के सदस्य स्पीकर जोशी के चैंबर में गए और उन्हें मनाने की कोशिश की गई लेकिन जोशी नहीं माने और बोले कि वे इस बारे में सीएम अशोक गहलोत से बात करेंगे।
18 सितंबर तक है सदन की कार्यवाही
वैसे तो कार्य सलाहकार समिति ने 18 सितंबर तक सदन की कार्यवाही तय की हुई है और बिल भी पारित होने है। संसदीय कार्य मंत्री शांति धारीवाल का कहना है कि विपक्ष के व्यवहार और आरोप से सत्ता पक्ष उत्तेजित हुआ उनके आरोपों पर प्रताप सिंह खाचरियावास को बोलना पड़ा यह आसन का विषय है कि कैसे असंगत बोलने से सदस्यों को रोके। विपक्षी सदस्य कुछ भी अनर्गल बोलते रहें और हम चुप रहे यह संभव नहीं है। सदन को आगे चलाने के बारे में स्पीकर को ही फैसला लेना है। यदि स्पीकर राजी हुए तो वे एक बुलेटिन जारी कर सदन की कार्यवाही आगे बुला सकते है।
वैसे तो कार्य सलाहकार समिति ने 18 सितंबर तक सदन की कार्यवाही तय की हुई है और बिल भी पारित होने है। संसदीय कार्य मंत्री शांति धारीवाल का कहना है कि विपक्ष के व्यवहार और आरोप से सत्ता पक्ष उत्तेजित हुआ उनके आरोपों पर प्रताप सिंह खाचरियावास को बोलना पड़ा यह आसन का विषय है कि कैसे असंगत बोलने से सदस्यों को रोके। विपक्षी सदस्य कुछ भी अनर्गल बोलते रहें और हम चुप रहे यह संभव नहीं है। सदन को आगे चलाने के बारे में स्पीकर को ही फैसला लेना है। यदि स्पीकर राजी हुए तो वे एक बुलेटिन जारी कर सदन की कार्यवाही आगे बुला सकते है।