उसके बाद दो दर्जन से ज्यादा दमकल मौके पर पहुंची। दमकल कर्मियों ने 6 घंटे की कड़ी मशक्कत करके आग पर काबू पा लिया। फैक्ट्री दो मंजिला भवन में संचालित थी। जिस समय आग लगी थी उस समय फैक्ट्री में कोई कर्मचारी नहीं था। हांलाकि फैक्ट्री मे रबर और प्लास्टिक का मैटेरियल रखा था जिससे चप्पल और जूते बनाए जाते थे। साथ ही एक कमरे में गत्ते से बने हुए हजारों कार्टन भी रखे हुए थे जिनमें पैक कर चप्पल-जूतों को मार्केट में बेचा जाता था।
आग से लगभग पूरा सामान जलकर नष्ट हो गया। जो सामान बचा वह पानी की तेज बौछारों से खराब हो गया। फैक्ट्री भवन के पास ही ट्रांसफार्मर स्थित है। गनीमत है कि आग लगने के कुछ देर बाद ही पुलिस ने बिजली विभाग की मदद से आसपास के क्षेत्र की बिजली कुछ घंटों के लिए काट दी थी। नहीं तो और बड़ा हादसा हो सकता था। पुलिस ने बताया कि आग लगने से किसी तरह से की जनहानि नहीं हुई है लेकिन वहां रखा लगभग पूरा माल नष्ट हो गया। उसकी कीमत लाखों रुपयों में हैं। दमकल का मानना है कि संभव है कि फैक्ट्री में आग शाॅर्ट सर्किट होने से लगी है। कारणों की जांच पुलिस कर रही है।