2009 में सज्जन सिंह से मुलाकात हुई थी, उसे दो करोड रुपए दिए थे
प्रकरण की जांच कर रहे जांच अधिकारी भवानी सिंह ने बताया कि वेद प्रकाश जाट, भगवान सिंह और उनके 2 परिचितों ने वर्ष 2020 में बॉश कंपनी से शीघ्र वॉलटरी रिटायरमेंट लिया। जिस पर प्रत्येक व्यक्ति को 50 लाख रुपए की जमा पूंजी कंपनी की ओर से दी गई। परिवादी सन 2009 से सज्जन सिंह नामक एक व्यक्ति से परिचित थे, जिसमें वेद प्रकाश और भगवान सिंह को विश्वास में लेकर सरकारी कर्मचारियों को निजी आवश्यकता पर रकम देने और ब्याज के रूप में लाभ कमाने का झांसा दिया। सज्जन सिंह के झांसे में आकर दोनों परिवादी सरकारी कर्मचारियों को ब्याज पर ऋण देने के लिए तैयार हो गए। जिसके बाद दिसंबर 2020 में सज्जन सिंह ने शासन सचिवालय के बाहर कैंटीन में परिवादियों की मुलाकात दुर्गा सिंह नामक व्यक्ति से करवाई। जिसने निरंजन सिंह और गिरजा शंकर चतुर्वेदी नामक दो व्यक्तियों से मिलवाया। निरंजन और गिरजा शंकर को सरकारी कर्मचारी बताकर निजी आवश्यकता के लिए तीन-तीन लाख रुपए का ऋण ब्याज पर देने के लिए कहा और उनके दस्तावेज परिवादियों को दे दिए। इसी तरह और कर्मचारियों को भी लोन देने के लिए रुपए ले लिए। पता चला कि दो करोड दस लाख रुपए की रकम बांट दी गई है जो नवम्बर 2021 मंे वापस मिलेगी। लेकिन न तो 2021 में पैसा और न ही 2022 में मिला। पीडित लोग जब सज्जन सिंह से मिलने गए तो उसने कहा रुपए डूब गए। नहीं मिलेंगे। हमारा कुछ नहीं बिगाड सकते। सीएम हमारे दोस्त हैं, उपर तक पहचान है। फिलहाब अब सांगानेर पुलिस ने कई नामजद लोगों पर केस दर्ज किया है। सभी आरोपी फरार हैं।
प्रकरण की जांच कर रहे जांच अधिकारी भवानी सिंह ने बताया कि वेद प्रकाश जाट, भगवान सिंह और उनके 2 परिचितों ने वर्ष 2020 में बॉश कंपनी से शीघ्र वॉलटरी रिटायरमेंट लिया। जिस पर प्रत्येक व्यक्ति को 50 लाख रुपए की जमा पूंजी कंपनी की ओर से दी गई। परिवादी सन 2009 से सज्जन सिंह नामक एक व्यक्ति से परिचित थे, जिसमें वेद प्रकाश और भगवान सिंह को विश्वास में लेकर सरकारी कर्मचारियों को निजी आवश्यकता पर रकम देने और ब्याज के रूप में लाभ कमाने का झांसा दिया। सज्जन सिंह के झांसे में आकर दोनों परिवादी सरकारी कर्मचारियों को ब्याज पर ऋण देने के लिए तैयार हो गए। जिसके बाद दिसंबर 2020 में सज्जन सिंह ने शासन सचिवालय के बाहर कैंटीन में परिवादियों की मुलाकात दुर्गा सिंह नामक व्यक्ति से करवाई। जिसने निरंजन सिंह और गिरजा शंकर चतुर्वेदी नामक दो व्यक्तियों से मिलवाया। निरंजन और गिरजा शंकर को सरकारी कर्मचारी बताकर निजी आवश्यकता के लिए तीन-तीन लाख रुपए का ऋण ब्याज पर देने के लिए कहा और उनके दस्तावेज परिवादियों को दे दिए। इसी तरह और कर्मचारियों को भी लोन देने के लिए रुपए ले लिए। पता चला कि दो करोड दस लाख रुपए की रकम बांट दी गई है जो नवम्बर 2021 मंे वापस मिलेगी। लेकिन न तो 2021 में पैसा और न ही 2022 में मिला। पीडित लोग जब सज्जन सिंह से मिलने गए तो उसने कहा रुपए डूब गए। नहीं मिलेंगे। हमारा कुछ नहीं बिगाड सकते। सीएम हमारे दोस्त हैं, उपर तक पहचान है। फिलहाब अब सांगानेर पुलिस ने कई नामजद लोगों पर केस दर्ज किया है। सभी आरोपी फरार हैं।