एसएमएस स्टेडियम के फुटबॉल मैदान पर रैलिंग और गोल पोस्ट की जाली टूटी हुई है। पीछे पानी भरा है। मैदान के बड़े हिस्से में घास नहीं है। दोपहर को छिड़काव होता है लेकिन गोलकीपर के सामने वाले हिस्से में धूल उड़ती है।
फुटबॉल यूनियन ग्राउंड का इतिहास स्वर्णिम रहा है, जहां देश का विख्यात सरदार पटेल टूर्नामेंट होता था। आज मैदान मिट्टी से अटा है। वर्ष 1889 में ग्राउंड के यूनियन क्लब की स्थापना हुई थी।
चौगान स्टेडियम में घास तो ठीकठाक है लेकिन गोल पोस्ट का हाल बुरा है।