चिकित्सकों ने बताया कि शनिवार को खांसी जुकाम की शिकायत के बाद चरक भवन के ऑब्जर्वेशन वार्ड में भर्ती हुआ था। रविवार को मरीज की रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद आइसोलेशन वार्ड में शिफ्ट किया गया।
पॉजिटिव व्यक्ति को दो-तीन दिन से खांसी थी। एक-दो बार कर्मचारियों ने उसे अस्पताल में जांच करवाने को भी कहा था जिसे वह टालता रहा। कैंटीन संचालक जानू ने बताया कि शनिवार सुबह जब कैंटीन आया तो कॉलेज के कर्मचारियों ने कहा इसे खांसी हो रही है। हमने उसे दिखाने को कहा, तब जाकर वह अस्पताल गया। वह रात को गार्ड की नौकरी भी करता था। यह कैंटीन कुछ माह पहले ही इसे ठेके पर दिया गया है।
पॉजिटिव व्यक्ति पिछले दिनों में किस-किस से मिला था। कैंटीन में किसे चाय नाश्ता करवाया। उनकी पूरी जानकारी जुटाई जा रही है। संदेह के आधार पर कई लोगों की कोरोना जांच भी करवाई गई है।
जार्ड अध्यक्ष डॉ रामचंद्र जांगू ने बताया कि कोरोना ड्यूटी में लगे चिकित्सकों के लिए अस्पताल प्रशासन ने होटल में रुकने की व्यवस्था की है, लेकिन खाने की कोई व्यवस्था नहीं है। ऐसे में चिकित्सक हॉस्टल की मैस में ही खाना खा रहे हैं। ऐसे में संक्रमण का खतरा बना हुआ है।
अस्पताल के एक चिकित्सक ने बताया कि इस कैंटीन से कोरोना में ड्यूटी कर रहे डॉक्टर, प्रिंसिपल, ऑफिस स्टाफ, फिजियोलॉजी विभाग, बायोकेमिस्ट्री और माइक्रोबायोलॉजी लैब के फैकल्टी और रेजिडेंट चाय नाश्ता करते थे। अब सभी को चिंता इस बात की है कि कहीं वह सब कोरोना वायरस की चपेट में ना आ जाए।