सिसोदिया रानी का बाग को लेकर बड़ी खबर
जयपुरPublished: May 11, 2020 09:44:36 pm
तेज आवाज-आतिशबाजी पर रहेगी रोक
सुप्रीम कोर्ट ने सिसोदिया रानी का बाग के उपयोग पर रोक हटाई
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को जयपुर-आगरा हाईवे स्थित सिसोदिया रानी बाग के इस्तेमाल पर लगी रोक को आंशिक तौर पर हटा दिया। कोर्ट ने उचित बहुउद्देशीय गतिविधियों के लिए सुबह 8 से शाम 8 बजे तक इसके उपयोग की अनुमति दे दी। कोर्ट ने साफ कर दिया कि वायु और ध्वनि प्रदूषण को रोकने के लिए यहां लेजर लाइट, तेज संगीत और आतिशबाजी पर रोक जारी रहेगी।
न्यायाधीश अरुण मिश्रा और न्यायाधीश एस रवींद्र भट की पीठ ने पर गलता प्रवेश से पहले सिसोदिया रानी बाग स्मारक से जुड़े क्षेत्र के सौंदर्यीकरण के लिए सलाहकार की नियुक्ति का निर्देश दिया। कोर्ट ने कहा कि सलाहकार स्मारक के विकास और सौंदर्यीकरण कार्यों की निगरानी करेगा। न्यायालय ने एक माह के भीतर इससे जुड़ी योजनाओं को तैयार कर रिपोर्ट देने का निर्देश दिया। स्मारक और उसके आसपास के क्षेत्र के सौंदर्यीकरण के लिए फूलों के अलावा सजावटी और दुर्लभ नस्ल के पौधे पौधे लगाए जाएंगे। अदालत ने स्मारक और उसके आसपास के क्षेत्र के रखरखाव के लिए पर्यवेक्षकों और माली सहित अन्य कर्मचारियों का विवरण देने का भी निर्देश दिया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यह एक पुरातात्विक स्मारक है। इसका उपयोग विभिन्न कार्यक्रम आयोजित कर राजस्व अर्जित करने के लिए किया जा रहा था। यह स्मारक पूरी तरह से पक्के ढांचे से घिरा है और यह वन क्षेत्र को विचलित नहीं करता। हालांकि स्मारक को जंगल के रूप में दर्ज किया जा सकता है। कोर्ट ने कहा कि नेशनल ग्रीन ट्रिब्युनल की भोपाल पीठ के 5 नवंबर, 2014 के आदेश में उचित समारोहों और पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए आयोजन के लिए बाग के इस्तेमाल पर रोक की बात नहीं थी।