सैंकडों डॉक्टर कर रहे हैं प्रतीक्षा
प्रदेश में डॉक्टरो की पिछली भर्तियों के प्रतीक्षारत पास डॉक्टरों का कहना है कि वे सरकार उनकी भर्ती करे तो वे सरकारी सेवा में काम करने को तैयार हैं। उनका कहना है कि वे भर्ती की परीक्षा भी पास कर चुके हैं, लेकिन सरकार नई भर्ती निकालती है तो उससे पहले उन्हें रखा जाना चाहिए। जिससे प्रदेश को तत्काल डॉक्टरों की उपलब्धता होगी। इनका कहना है कि इसके बावजूद सरकार यूटीबी से डॉक्टरों की भर्ती का अस्थायी जुगाड़ करने की तैयारी कर रही है।
इस कमी के पीछे राज्य सरकार का कई बार यह बयान सामने आया है कि प्रदेश में डॉक्टरों की भारी कमी है। लेकिन वास्तविकता यह है कि प्रदेश में डॉक्टरों की कमी के बजाय, सरकार की ओर से भर्ती के समय स्वीकृत किए जाने वाले पदों की कमी है। जितने पद स्वीकृति के लिए चिकित्सा विभाग वित्त विभाग के पास भेजता है, उनमे से सामान्यतया 50 प्रतिशत पदों को ही स्वीकृति मिल रही हैं।
छोटे अस्पतालों के साथ ही मेडिकल कॉलेज अस्पतालों की भी ऐसी ही स्थिति है। प्रदेश के मेडिकल कॉलेजों से हर साल करीब 1000 डॉक्टर पोस्ट ग्रेजुएशन कर निकल रहे हैं। अकेले एसएमएस मेडिकल कॉलेज में पीजी की इस समय 500 से अधिक सीटे हैं।