जीरे का छौंका पड़ेगा महंगा, 300 रुपए किलो तक जा सकते है दाम
थर्मल पावर का प्रमुख स्रोत छत्तीसगढ़छत्तीसगढ़, देश में भारत का सबसे बड़ा कोयला उत्पादक राज्य है और देश के बाकी हिस्सों के लिए थर्मल पावर का प्रमुख स्रोत रहा है। ऐसे में पीईकेबी ब्लॉक में खनन का पहला चरण, बिना किसी कठिनाई के किया गया था, जबकि दूसरे चरण के खनन को भारी बाधा का सामना करना पड़ा है। राजस्थान को 15 अगस्त को खनन परियोजना को रोकना पड़ा, जिससे राजस्थान में बिजली संकट की स्थिति पैदा हो गई थी। इससे जहां एक तरफ सरगुजा के लोगों की नौकरी चली गई है, वहीं दूसरी तरफ छत्तीसगढ़ को भी रॉयल्टी और टैक्स के माध्यम से भारी राजस्व का नुकसान हो रहा है। राजस्थान सरकार को छत्तीसगढ़ में तीन कोयला ब्लॉकों पीईकेबी, परसा और केते एक्सटेंशन को आरआरवीयूएनएल द्वारा चलाए जा रहे पावर प्लांट्स से 4400 मेगावाट बिजली पैदा करने के लिए आवंटित किया गया था। इन तीन खानों में से केवल पीईकेबी को चालू किया गया था, लेकिन यहां से खनन किया गया कोयला, राजस्थान की दैनिक बिजली आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए पर्याप्त नहीं है। ऐसे में अन्य दो खदानों को शुरू करने के लिए राज्य सरकारों द्वारा प्रयास किए गए और आरआरवीयूएनएल ने यह सुनिश्चित किया कि सभी कानूनी आवश्यकताएं और पर्यावरणीय मंजूरी, नियत समय में पूरी हो जाएं।